रांची. झारखंड आदोलन के प्रणेता व प्रखर आंदोलनकारी जस्टिस एलपीएन शाहदेव की 13वीं पुण्यतिथि मनायी गयी. इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जस्टिस एलपीएन शाहदेव को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि जस्टिस शाहदेव ने न्यायिक सेवा में होते हुए भी झारखंड आंदोलन को बिना किसी दल के बंधन में बंधकर अपनी बौद्धिक ऊर्जा से सींचा था. आनेवाली पीढ़ियों को उनके दिखाये गये मार्ग का अनुसरण करना चाहिए.
कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
मौके पर केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन, आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो सहित राज्य के आला नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ता व आंदोलनकारियों ने श्रद्धांजलि दी. सूचना भवन के सामने स्थित जस्टिस एलपीएन शाहदेव चौक पर श्रद्धाजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
झारखंड के लिए
लड़नेवालोंमें अग्रणी थे जस्टिस शाहदेव
मौके पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने उनकी तसवीर पर पुष्प अर्पित कर कहा कि जस्टिस शाहदेव को संपूर्ण राज्यवासी एक न्यायमूर्ति के साथ झारखंड आंदोलनकारी के रूप में जानते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जस्टिस शाहदेव को श्रद्धांजलि देने के बाद कहा कि झारखंड अलग राज्य के आंदोलन में उन्होंने अहम भूमिका निभायी थी पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि जब बिहार की तत्कालीन राजद सरकार के मुखिया ने अलग झारखंड राज्य का विरोध किया था, तब जस्टिस शाहदेव ने आंदोलन को अपनी बौद्धिक ऊर्जा दी थी.
झारखंड हमेशा ऋणी बना रहेगा
इस मौके पर केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने जस्टिस शाहदेव के योगदान को याद किया. कहा कि झारखंड सदा उनका ऋणी रहेगा. आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा कि जस्टिस शाहदेव झारखंड की निर्णायक लड़ाई के नायक थे . आंदोलन के क्रम में गिरफ्तार भी हुए थे. इस लड़ाई में आजसू के योद्धाओं ने भी जस्टिस शाहदेव के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आंदोलन किया था. विधायक सीपी सिंह ने कहा कि जस्टिस शाहदेव ने झारखंड के आंदोलन को बैद्धिक दिशा दी थी. इस अवसर पर सबसे पहले जस्टिस शाहदेव की ज्येष्ठ पुत्री कृति सिंह, पुत्र प्रतुल शाहदेव, पुत्रवधू डॉ विद्या झा शाहदेव व पौत्र शौर्य प्रताप शाहदेव ने श्रद्धांजलि दी.
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