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Jamshedpur News : शहर में अवैध होर्डिंग्स की भरमार, सुरक्षा मानकों का ध्यान नहीं ध्यान

Jamshedpur News : शहर में वाहनों की संख्या में आये दिन हो रही बढ़ोतरी से यातायात का दबाव लगातार बढ़ रहा है. चौक-चौराहों पर ट्रैफिक लाइट का अभाव है, लेकिन शहर के चारों तरफ होर्डिंग्स की भरमार है. जो आमजन के साथ-साथ वाहन चालकों की परेशानी का कारण बन रही है.

अवैध होर्डिंग्स दे रहे हादसे को निमंत्रण

Jamshedpur News :

शहर में वाहनों की संख्या में आये दिन हो रही बढ़ोतरी से यातायात का दबाव लगातार बढ़ रहा है. चौक-चौराहों पर ट्रैफिक लाइट का अभाव है, लेकिन शहर के चारों तरफ होर्डिंग्स की भरमार है. जो आमजन के साथ-साथ वाहन चालकों की परेशानी का कारण बन रही है. वहीं शहर की सुंदरता को ग्रहण भी लग रहा है. नियम के विपरीत खतरनाक स्थिति में लगे होर्डिंग्स हादसे के कारण भी बन सकते हैं. सड़क किनारे और खंभों पर लगे होर्डिंग तेज हवा व आंधी में दुर्घटना का कारण बन सकते हैं. साकची, बिष्टुपुर, जुगसलाई, स्टेशन, मानगो, डिमना आदि चौक-चौराहों पर वाहन चालकों को भी डिवाइडर की दूसरी तरफ देखने में परेशानी होती है.

जबकि होर्डिंग से किसी भी प्रकार का ट्रैफिक प्रभावित नहीं होना चाहिए. इस पर नियंत्रण रखने के लिए नगर निकायों, ट्रैफिक पुलिस की प्लानिंग कागजों तक ही सिमटकर रह गयी है. नगर निकाय की ओर से यदा-कदा अवैध होर्डिंग्स पर कार्रवाई की जाती है. दो-चार दिन कार्रवाई के बाद फिर से मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है. ऐसे में शहर में होर्डिंग्स का कारोबार फल-फूल रहा है, लेकिन होर्डिंग्स लगाने में सुरक्षा मानकों का ध्यान नहीं रखा जा रहा है. महाराष्ट्र के मुंबई के घाटकोपर में हुए होर्डिंग हादसे ने देश के अन्य शहरों के लोगों की भी चिंता बढ़ा दी है. लेकिन अधिकारियों की इस ओर नजर नहीं जाती है. पारडीह से घाटशिला के बीच हाईवे पर लगातार दुर्घटनाएं हो रही है. यह होर्डिंग हाइवे के दोनों किनारे, पारडीह चौक, डिमना चौक, गालूडीह, फूलडुंगरी के पास काफी संख्या में लगी है.

पूरे शहर में 1500 से अधिक होर्डिंग्सशहरी इलाकों में 1500 से अधिक होर्डिंग्स हैं. जमशेदपुर में नगर निकाय, जिला पुलिस और स्थानीय कंपनियां होर्डिंग्स लगाने की अनुमति देती है. नगर निकाय अपने क्षेत्रों में जिला पुलिस थानों, पुलिस लाइन और स्थानीय कंपनियां अपने-अपने क्षेत्रों में होर्डिंग्स लगाने की अनुमति देती है. संबंधित एजेंसी या व्यक्ति को इसके लिए निर्धारित शुल्क चुकानी पड़ती है. जेएनएसी क्षेत्र में 600, मानगो नगर निगम क्षेत्र में 150 से 200 और जुगसलाई नगर परिषद क्षेत्र में 70 से ज्यादा होर्डिंग्स है.

भवनों पर लगे होर्डिंग्स ज्यादा खतरनाकभवनों के ऊपर जो होर्डिंग्स लगे हैं. वह ज्यादातर खतरनाक है. एक तरफ वाहन चालकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है. वहीं मानकों का पालन नहीं होने से हवा चलते ही ये होर्डिंग्स उड़कर जमीन पर गिर जाते हैं. जिससे कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है. ज्यादातर भवनों में लगे होर्डिंग्स अवैध तरीके से लगे हैं. नगर निकायों की ओर से उन्हें लाइसेंस निर्गत नहीं किया गया है. भवनों के ऊपर होर्डिंग्स लगाने का मामला कोर्ट में विचाराधीन है. शहर में 250 से ज्यादा की संख्या में अवैध होर्डिंग्स लगे हैं. विज्ञापन नियमावली की शर्त 14 (2) के अनुसार शहर के किसी भी भवन पर 40 फीट लंबाई और 20 ऊंचाई का रूफ टॉप ही लगाया जा सकता है.

ट्रैफिक बोर्ड पर भी पोस्टर, बैनरशहर में यातायात को सुचारु रखने के लिए कई जगहों पर नगर निकायों, स्थानीय कंपनियों की ओर से यातायात बोर्ड वाहन चालकों के लिए लगाये गये हैं. स्थिति यह है कि कई जगहों पर बोर्ड के ऊपर ही लोगों ने अपने प्रचार के पोस्टर तक चस्पा दिये हैं. इससे भी हादसों की संभावना बनी रहती है.

तीन जगहों से अनुमति मिलने से अवैध होर्डिंग्स की भरमारशहर में तीन जगहों से होर्डिंग्स लगाने की अनुमति मिलने से अवैध होर्डिंग्स की भरमार हो गयी है. बिना सुरक्षा मानक के ही शहर के चौक-चौराहों पर अवैध होर्डिंग्स लग जा रहे हैं. इस दौरान यातायात व्यवस्था पर भी असर पड़ता है. शहर की सभी मुख्य सड़कों और चौराहों पर इस समय अवैध होर्डिंग, बैनर और फ्लैक्स बोर्ड आदि की भरमार हो चुकी है. जैसे-जैसे त्योहार नजदीक आते हैं, शहर में चारों ओर अवैध होर्डिंग्स की बाढ़ आ जाती है. मुख्य मार्गों से लेकर गली-मोहल्लों तक में होर्डिंग्स लगा दी जाती है.

क्या कहता है नियम1. सड़क की सतह से न्यूनतम जमीन 15 फीट होनी चाहिये.

2. होर्डिंग से किसी भी प्रकार ट्रैफिक प्रभावित नहीं होना चाहिए3. भवन की छत पर होर्डिंग के उपयोग पर विशेष ध्यान देने की जरूरत4. भवन की छत पर कुल फिल्मांकन से दस प्रतिशत से अधिक जगह पर नहीं. इसके लिए नगरपालिका से स्वामित्व लेना जरूरी5. सड़क से कम से कम दो मीटर पीछे होर्डिंग लगाना चाहिए.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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