अब तक ऐसा होता रहा है कि आंधी-बारिश में बिजली कटने के बाद शहर में गंगाजल की आपूर्ति भी बाधित हो जाती है, लेकिन आनेवाले समय में ऐसा नहीं होगा. संतनगर स्थित पुराने वाटर वर्क्स परिसर में बने नये वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को बरारी पावर ग्रिड से जोड़ा जा रहा है. इसके लिए अंडरग्राउंड वायरिंग का काम शुरू हो गया है. काम पूरा हो जाने के बाद आंधी-पानी के दौरान बिजली तार टूटने से बिजली आपूर्ति बाधित होने की समस्या खत्म हो जाएगी. जिससे जलापूर्ति 24 घंटे नियमित चालू रहेगी. यह योजना नगर निगम क्षेत्र के 51 वार्डों के चार लाख से अधिक की आबादी को लाभ देगी. 33 हजार वोल्ट के अंडरग्राउंड वायरिंग के काम की निगरानी बिजली विभाग कर रहा है. फरवरी के अंतिम सप्ताह तक इसका काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. नया डब्ल्यूटीपी में इंजीनियरिंग कॉलेज से आयेगा पानी
जलापूर्ति योजना के लिए संतनगर में बना नया वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) की क्षमता 90 एमएलडी है. इसके लिए इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में गंगा किनारे इंटकवेल बन रहा है. इंटकवेल के माध्यम से गंगाजल नये डब्ल्यूटीपी में पाइपलाइन के माध्यम से पहुंचाया जायेगा. डब्ल्यूटीपी में गंगाजल का ट्रीटमेंट कर इसे शुद्ध कर पीने लायक जायेगा. इसके बाद शहर के सभी वार्डों में घर-घर आपूर्ति की जायेगी.
बरारी वाटर वर्क्स के डब्ल्यूटीपी तक अंडरग्राउंड बिजली वायरिंग की योजना पर सात करोड़ की लागत आयेगी. इस काम को करने वाली एजेंसी के विजय कांत श्रीवास्तव ने बताया कि काम तेजी से कराया जा रहा है. बरारी वाटर वर्क्स परिसर में सब स्टेशन बनेगा. यहां डेढ़ केवीए के दो ट्रांसफार्मर लगेंगे.
बरारी वाटर वर्क्स से बरारी ग्रिड तक 33 केवीए का अंडर ग्राउंड केबल बिछाया जा रहा है. बिजली विभाग द्वारा कार्य की निगरानी की जा रही है, ताकि निर्धारित समय पर काम पूरा हो सके.प्रणव मिश्रा, सहायक अभियंता, बिजली विभाग
नयी जलापूर्ति योजना से शहरवासियों को 24 घंटे नियमित जलापूर्ति करने की व्यवस्था की जा रही है. बिजली आपूर्ति बाधित नहीं हो, इसके लिए अंडरग्राउंड वायरिंग कराया जा रहा है.
अखिलेश प्रसाद, कार्यपालक अभियंता, बुडको
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