डोभी. अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल काॅरिडोर को लेकर शुक्रवार को प्रखंड कार्यालय के सभागार में बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद के द्वारा लोक सुनवाई का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता उप समाहर्ता विधि व्यवस्था कुमार पंकज ने की. इस मौके पर काॅरिडोर से जुड़ी सभी बिंदुओं के बारे में बियाडा के अधिकारियों ने जानकारी दी. विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस औद्योगिक गलियारे के बनने से लगभग एक लाख नौ हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. इसमें अप्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष दोनों शामिल हैं. उद्योग से निकलने वाली गंदगी के लिए चार शोधक यंत्र लगाये जायेंगे. उद्योग लगाने वाला अपने रकबा का 33 प्रतिशत हरी पट्टी बनाने में करेगा. प्रतिदिन लगभग इस जगह से 34 टन ठोस अवशिष्ट निकलेगा. इस औद्योगिक गलियारे में 1600 करोड़ रुपये निवेश होगा. प्रखंड के 13 राजस्व गांव की जमीन का अधिग्रहण किया गया है. इस गलियारे को दो बंदरगाह जिसमें नजदीक में हल्दिया मिलेगा वहीं हवाई पट्टी गया मिलेगा. रेलवे से माल ढुलाई के लिए दो रेलवे स्टेशन बनाये जायेंगे. जल प्रबंधन, वायु प्रबंधन के लिए मशीनें लगायी जायेंगी.
ग्रामीणों ने रखी समस्या, कहा- मुआवजे के लिए कर्मचारी कर रहे उगाही
इस बैठक में सभी बातों पर विभागीय अधिकारी के द्वारा बताये जाने के बाद ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं रखनी शुरू की. जिसमें जमीन के बदले मुआवजा नहीं देने की बात कही गयी. मुआवजे के लिए कर्मचारियों के द्वारा पैसे की उगाही की बात समाने आयी. अनुमंडल पदाधिकारी सारा असरफ ने अंचल अधिकारी को परवाना का रजिस्टर उपलब्ध कराने को कहा. नदी में बने पुल के नजदीक से बालू के उठाव बंद करने को ग्रामीणों ने कहा. बिहार सरकार से केस लड़कर डिग्री पाने के बाबजूद कई लोगों को मुआवजा की राशि का भुगतान नहीं होने की बात अधिकारियों की टीम के सामने ग्रामीणों ने खुलकर रखी. जिला पार्षद कामेश्वर सिंह यादव ने बताया कि पूर्व के अंचल अधिकारी के द्वारा काॅरिडोर में अधिकतर जमीन का विवाद खड़ा किया गया था, जिसे अब तेज गति से ठीक करने की जरूरत है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है