Bihar News: छपरा के मकेर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक व्यवसाई से 35 लाख रुपए लूट लिए गए. लूटेरा कोई और नहीं बल्कि खुद पुलिस ही थी. दरअसल थाना प्रभारी के नेतृत्व में वाहन चेकिंग चल रही थी. इसी दौरान कोलकता का एक व्यवसायी पैसों की वसूली कर लौट रहा था. पुलिस ने गाड़ी जांच के दौरान व्यवसायी के पास 35 लाख रुपए देखे और नीयत डोल गई. थाना प्रभारी पर आरोप है कि उसने वाहन जांच के दौरान आभूषण व्यापारी से लगभग 35 लाख रुपए लूट लिए.
व्यवसायी ने थानेदार को पहचाना
घटना के बाद पीड़ित व्यवसायी छपरा के स्थानीय व्यवसायियों के पास पहुंचा और घटना की पूरी जानकारी दी. स्थानीय व्यवसायियों ने घटना की जानकारी पुलिस अधीक्षक को दी. जानकारी मिलते ही एसपी ने तुरंत एक्शन लिया और मकेर थाना के पुलिसकर्मियों की परेड करायी, जिसमें पीड़ित व्यवसायी ने मकेर के थानाधिकारी और ड्राइवर को पहचान लिया. पुलिस अधीक्षक ने मकेर थानाध्यक्ष को तुरंत हिरासत में ले लिया. लेकिन, पुलिस का ड्राइवर भागने में सफल रहा.
बरामद कर लिए गए हैं 35 लाख रुपए
मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक का कहना है कि मामले की जांच चल रही है. इस घटना में कुछ और पुलिस वाले शामिल हो सकते हैं उनकी भी पहचान की जा रही है. व्यवसायी के 35 लाख रुपए बरामद कर लिए गए हैं. वहीं इस मामले में डीआईजी का कहना है कि आरोपी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल मकेर के थानाधिकारी से पूछताछ जारी है.
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बिहार के मोतिहारी जिले में पुलिस ने एक बड़े ड्रग्स रैकेट का पर्दाफाश किया है. घोड़ासहन स्थित सत्यम इंटरप्राइजेज नामक दवा दुकान पर पुलिस ने छापेमारी कर भारी मात्रा में प्रतिबंधित नशीली दवाइयां और इंजेक्शन बरामद किए. इस छापेमारी में पुलिस को सूचना मिली थी कि नेपाल से ड्रग्स की बड़ी खेप बिहार में लाई जा रही है, जिसके बाद पुलिस ने दुकान और उसके मालिक के आवास पर कार्रवाई की. पुलिस ने दुकान के मालिक सुरेंद्र प्रसाद जयसवाल के घर से बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थों की खेप बरामद की, लेकिन वह मौके से फरार हो गया. जानकारी के अनुसार, सुरेंद्र जयसवाल पहले भी नेपाल में ड्रग्स के साथ पकड़ा जा चुका था और जेल में बंद था. हालांकि, जेल से रिहा होने के बाद उसने फिर से इस गैरकानूनी व्यापार में हाथ डाला.