Delhi Election 2025:दिल्ली में होने वाले चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है. कांग्रेस और भाजपा पिछले 10 साल में दिल्ली में विकास की कमी और भ्रष्टाचार को मुद्दा बना रहे हैं. वहीं आम आदमी पार्टी दिल्ली में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर भाजपा पर निशाना साध रही है. केजरीवाल से लेकर आम पार्टी के तमाम नेता कानून-व्यवस्था को लेकर गृह मंत्री अमित शाह पर लगातार निशाना साध रहे हैं. आम आदमी पार्टी महिलाओं की सुरक्षा और दिल्ली में हो रहे गैंगवार को केंद्र सरकार की नाकामी के तौर पर पेश करने की कोशिश में लगी हुई है.
दिल्ली में पिछले 10 सालों में आयी अपराध में कमी
दिल्ली में महिला सुरक्षा एक अहम मुद्दा है और आम आदमी पार्टी को लगता है कि इस मुद्दे को उठाकर सियासी लाभ उठाया जा सकता है. लेकिन दिल्ली पुलिस ने पिछले 10 साल के अपराध के आंकड़ों को जारी कर आम आदमी पार्टी के दावे को कमजोर कर दिया है. दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2015 में हत्या के 570 मामले सामने आए थे, जो वर्ष 2024 में घटकर 504 रह गए. वर्ष 2015 में बलात्कार के 2199 मामले सामने आए थे, जो वर्ष 2024 में घटकर 2076 रह गए. इसी तरह छेड़छाड़, दंगा और अन्य मामलों में भी कमी दर्ज की गयी है. दिल्ली पुलिस के आंकड़ों से आम आदमी पार्टी के दिल्ली में अपराध बढ़ने का दावा कमजोर होना तय है.
रणनीति के तहत आप कानून-व्यवस्था का उठा रही है मुद्दा
आम आदमी रणनीति के तहत कानून-व्यवस्था के मामले में गृह मंत्री को निशाना बना रही है क्योंकि दिल्ली में भाजपा की रणनीति अमित शाह ही तैयार कर रहे हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में अमित शाह की रणनीति के कारण भाजपा का मत प्रतिशत और सीट में इजाफा हुआ था. आम आदमी पार्टी दिल्ली में कानून-व्यवस्था के खराब होने का मुद्दा उठाकर भाजपा को घेरने की कोशिश कर रही है. क्योंकि दिल्ली पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है. केजरीवाल दिल्ली के लोगों को यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि दिल्ली के लोगों की सुरक्षा से केंद्र सरकार को कोई मतलब नहीं है. जबकि दिल्ली सरकार लोगों को अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, महिलाओं को मुफ्त बस का सफर, मुफ्त बिजली मुहैया करा रही है.
आम आदमी पार्टी यह नैरेटिव बनाने में जुटी थी कि दिल्ली के लोगों के हित का ख्याल आम आदमी पार्टी ही कर सकती है. आप के विधायक नरेश बाल्यान के गैंगस्टर के साथ रिश्ता होने के मामले में गिरफ्तारी को लेकर भाजपा केजरीवाल को निशाना बना रही थी. इस मुद्दे पर होने वाले नुकसान को देखते हुए पार्टी ने दिल्ली में कानून-व्यवस्था के खराब होने के मामले को तूल देना शुरू किया.