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Photos: औरंगाबाद में अतिक्रमण पर बुलडोजर एक्शन से अफरातफरी, एक नगर परिषद कर्मचारी घायल

शनिवार को औरंगाबाद जिला प्रशासन ने अवैध तरीके से किये गए अतिक्रमण को हटाया. इस कार्रवाई के दौरान नगर परिषद का एक कर्मचारी भी घायल हो गया.

औरंगाबाद शहर में शनिवार को जिला प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए मुख्य बाजार की सड़कों पर बुलडोजर चलाया. इस अभियान के तहत सब्जी मंडी से लेकर जामा मस्जिद से लेकर मछली मार्केट, नावाडीह रोड और महाराजगंज रोड तक सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों से जमीन खाली कराई गई. इस दौरान महाराजगंज रोड पर नगर परिषद के एक कर्मी राकेश राम के सिर में चोट भी लग गई, जिसका इलाज सदर अस्पताल में कराया गया.

दुकानदारों में मची अफरा-तफरी

जैसे ही जिला प्रशासन का बुलडोजर अतिक्रमण को ध्वस्त करने लगा, दुकानदारों में अफरा-तफरी मच गई. रेहड़ी-पटरी वालों में भगदड़ मच गई. हर कोई अपना सामान लेकर भागता नजर आया. हालांकि रेहड़ी-पटरी वालों ने इस कार्रवाई का विरोध भी किया.

प्रशासन ने दी चेतावनी

जिला प्रशासन ने दुकानदारों को सख्त चेतावनी दी है कि यह उनका आखिरी मौका है. इसके बाद अगर सड़क पर अतिक्रमण हुआ और जाम या कोई अन्य समस्या हुई तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस दौरान अधिकारियों ने वाहन चालकों को भी साफ निर्देश दिए हैं कि वे अपने वाहन सड़क पर न खड़े करें. यातायात के हिसाब से बनाए गए रूट चार्ट के अनुसार ही वाहन चलाएं. नियमों का उल्लंघन करने पर चालान के साथ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी.

वसूले गए 5500 रुपए

अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन सात जनवरी से अतिक्रमण विरोधी अभियान चला रहा है. अतिक्रमण अभियान के दौरान दुकानदारों से 5500 रुपये जुर्माना वसूला गया है. उन्होंने बताया कि यह अभियान आगे भी नियमित रूप से जारी रहेगा. जब भी कोई दुकान अतिक्रमण करते हुए पाई जाएगी, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

फुटपाथ विक्रेता संघ ने किया विरोध

फुटपाथ विक्रेता संघ के अध्यक्ष शशि सिंह ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि असंवैधानिक तरीके से अतिक्रमण अभियान चलाया गया है. उन्होंने इस दौरान पुलिस प्रशासन पर मारपीट का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बड़े पूंजीपतियों के इशारे पर यह अतिक्रमण हटाया जा रहा है. फुटपाथ विक्रेता संघ इसका पुरजोर विरोध करता है. 13 जनवरी को जिला प्रशासन का घेराव किया जाएगा. जिला प्रशासन गरीबों का आशियाना उजाड़ने पर तुला हुआ है. केंद्र सरकार द्वारा 2014 में और राज्य सरकार द्वारा 2017 में कानून बनाया गया था कि जब तक फुटपाथ विक्रेता को जगह नहीं दी जाती है, तब तक उसे हटाया नहीं जा सकता है.

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SDO के आदेश पर कार्रवाई

यह कार्रवाई एसडीओ संतन कुमार सिंह के निर्देश पर की गई. अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान सिटी मैनेजर शिल्पी रानी, ​​स्वच्छता पदाधिकारी आदित्य आनंद, नगर परिषद के कनीय अभियंता अंकित सिंह, दंडाधिकारी परमानंद सिंह मौजूद थे.

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