सोनवर्षाराज. क्षेत्र में किसानों को उर्वरक, बीज के लिए दुकानदारों की चिरौरी करने के साथ ही निर्धारित मूल्य से उंची कीमत देनी पड़ रही है. यही नहीं खाद बीज विक्रेता एक उर्वरकों के साथ जाईम लेने की शर्त थोप कर किसानों की जेब से जबरन पैसे निकलवा रहे हैं. मामला काशनगर बाजार स्थित खाद बीच बेचने वाली दुकान का है. जो 267 रुपया निर्धारित मूल्य की जगह साढे़ तीन सौ रुपये में एक बोरा यूरिया एवं 17 सौ रुपये प्रति बोरा डीएपी की दर से बेच रहे हैं. साथ में जाईम का एक डब्बा अलग से थमाया जा रहा है. इस खाद बीज भंडार से यूरिया, डीएपी व जाईम का डब्बा खरीदकर घर जा रहे कोपा पंचायत के जलसाहा भित्ता गांव निवासी उमेश मेहता ने कहा कि दुकानदार भूषण ने साढे़ तीन सौ की दर से यूरिया, सतरह सौ रुपये की दर से डीएपी तथा एक डब्बा जाईम पांच सौ में दिया है. करीब करीब हर खाद बीज दुकानों में यहीं खेला खेला जा रहा है. 1350 रुपये का डीएपी 17 से 18 सौ रुपयों का तो यूरीया 267 की जगह साढे़ तीन सौ का खुलेआम बेचा जा रहा है. अतलखा, काशनगर, महुआ बाजार, मंगवार, सरौनी मधेपूरा हर जगह किसानों को उंची दर पर उर्वरक खरीदने की मजबुरी बनी हुई है़. किसान इसकी मौखिक शिकायत भी करते हैं या कोई मामला उजागर होता है तो दबाव बनाकर किसान से लिखवा लिया जाता है कि उन्होंने उर्वरक के लिए कोई अतिरिक्त राशि नहीं दी है. किसानों का कहना है कि सरकार जो खाद पर सब्सिडी देती है उससे ज्यादा राशि विभागीय पदाधिकारियों की मदद से दुकानदार उनसे उगाही कर लेते है़ं. किसानों का कहना है कि खाद बीज दुकानदारों पर लगाम लगाते हुए उर्वरकों की बिक्री में पारदर्शिता लायी जाए एवं जो दुकानदार किसानों का आर्थिक शोषण करते है उनकी मौखिक शिकायत पर भी दुकानदारों पर सख्त कारवाई की जाये. इसके लिए कृषि विभाग को एक सरल व प्रभावी शिकायत फोरम गठित करना होगा. लेकिन इसके विपरित कृषि विभाग शिकायतकर्ता से लिखित आवेदन मांग कर जटिल न्याय प्रक्रिया में ठेल देती है. जिस वजह से किसान आर्थिक शोषण करने वाले दुकानदारों की शिकायत करने का झंझट मोल लेना नहीं चाहते. साथ ही उन्हें यह भी डर होता है कि ऐसे में उन्हें कोई खाद बीज दुकानदार खाद नहीं देगा. इसबाबत प्रखंड कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार ने कहा कि शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जायेगी.
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