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बच्चों के स्कूली परिवहन पर प्रतिबंध से परेशान ई-रिक्शा चालकों ने डीएम से लगायी गुहार

स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर परिवहन विभाग द्वारा कड़े आदेश जारी किये गये हैं.

मुंगेर. स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर परिवहन विभाग द्वारा कड़े आदेश जारी किये गये हैं. जिसके तहत ई-रिक्शा व ऑटो से बच्चों को स्कूल पहुंचाने तथा लाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. आदेश की अवहेलना करने वालों के वाहनों को जब्त किया जायेगा. जिसके कारण ई-रिक्शा और ऑटो वालों की परेशानी बढ़ गयी है. शनिवार को टोटो चालक संघ मुंगेर के प्रतिनिधि ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर गुहार लगायी कि इस तरह से प्रतिबंध न लगायी जाय, नहीं तो हमलोग बर्बाद हो जायेंगे.

टोटो चालक संघ ने डीएम को सौंपा ज्ञापन

टोटो चालक संघ मुंगेर की ओर से शनिवार को जिलाधिकारी को एक ज्ञापन दिया गया. जिसमें अमित कुमार स्वर्णकार, मुकेश रजक, जय कुमार, अरूण शर्मा ने कहा कि परिवहन विभाग द्वारा बिहार के सभी जिलों में ये आदेश पारित किया गया है कि टोटो और ऑटो द्वारा स्कूल के बच्चों का परिचालन करने पर प्रतिबंध है. अगर वह परिचालन करते हुए पकड़े जायेंगे तो उनका वाहन जब्त कर लिया जायेगा. हमलोग पिछले कई सालों से स्कूली बच्चों का परिचालन करके अपने और अपने परिवार का भरण पोषण करते आ रहे हैं. अगर यह नियम लागू होता है तो इसका हमलोगों पर बुरा पभाव पड़ेगा. इसलिए इस नियम पर रोक लगाया जाय. हम टोटो और ऑटो चालक स्कूल के बच्चों के परिचालन में क्या-क्या सावधानी बरतें, इसके लिए नियम बनाकर बतायें.

परिवहन विभाग ने थ्री व्हीलर पर स्कूली बच्चों को बैठाने पर लगाया है प्रतिबंध

मुंगेर. बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से ई-रिक्शा तथा ऑटो को असुरक्षित मानते हुए परिवहन विभाग ने थ्री व्हीलर पर बच्चों को स्कूल लाने व पहुंचाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसे लेकर परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने स्कूली बच्चों/छात्रों को उक्त तीन पहिये वाहन से स्कूल ले जाने पर रोक लगाने को लेकर डीएम, एसपी तथा डीटीओ को पत्र लिखा गया है. विभागीय सचिव ने जिले के अधिकारियों को कड़ाई से इस लागू करने का अनुरोध किया है. डीटीओ सुरेंद्र कुमार अलवेला ने बताया कि ई-रिक्शा अथवा ऑटो (थ्री व्हीलर) नगरीय परिवहन में छोटी दूरी के लिए मंद गति का परिवहन माध्यम है. इसकी अधिकतम डिजाइन स्पीड 45 से 65 किमी प्रति घंटा की है. अधिकांश थ्री व्हीलर में सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम नहीं रहता है. यात्रियों की सुरक्षा के लिए जरूरी सीट बेल्ट लगाने की सुविधा इस तरह के वाहनों में नहीं रहती है. वाहन के आगे एवं पीछे हेड लाइट, वार्निंग लाइट, रियर भ्यू मिरर, वाइपर, सिग्नलिंग डिवाइस दूसरे वाहनों की तुलना में कमजोर रहता है. इस तरह की सुविधाओं का अभाव रहने से बच्चों के लिए सुरक्षा के दृष्टिकोण यह खतरनाक है. जिसके कारण स्कूली बच्चों को ढोने पर इसे प्रतिबंधित कर दिया है. इसको लेकर स्कूलों को पत्र भेज कर इसकी जानकारी दे दी गयी. शीघ्र ही इसके खिलाफ अभियान शुरू किया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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