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Bhagalpur news बाबा गणिनाथ सेवा समिति ने जरूरतमंदों में कंबल व भोजन बांटा

बाबा गणिनाथ सेवा समिति की ओर से जरूरतमंदों में निःशुल्क भोजन वितरण कार्यक्रम हर सप्ताह के तरह आज चौथा सप्ताह नवगछिया के रेलवे स्टेशन परिसर में किया गया. आज का

बाबा गणिनाथ सेवा समिति की ओर से जरूरतमंदों में निःशुल्क भोजन वितरण कार्यक्रम हर सप्ताह के तरह आज चौथा सप्ताह नवगछिया के रेलवे स्टेशन परिसर में किया गया. आज का यह कार्यक्रम अयोध्या में बने प्रभु श्री राम मंदिर की प्रथम वर्षगांठ पर बाबा गणिनाथ सेवा समिति की ओर से किया गया.

कार्यक्रम की शुरुआत प्रभु राम की आरती व भोग लगा कर किया गया. प्रसाद वितरण में पोंगल की व्यवस्था की गयी थी. सभी जरुरतमंद लोगों ने लाइन में लग कर प्रसाद के रूप में भोजन ग्रहण किया. उपस्थित जरूरतमंद लोगों में संस्था की ओर से कंबल वितरण किया गया. रमन कुमार उर्फ चंदू की स्मृति में अनिल साह ने कंबल में सहयोग में दिया. बाबा गणिनाथ सेवा समिति के सदस्य के साथ रेलवे प्रशासन भी सक्रिय था. संस्था के अध्यक्ष पंकज कुमार भारती ने बताया कि यह सेवा हमारी संस्था प्रत्येक शनिवार को देती है व ठंड को देखते हुए आज जरूरतमंदों को कंबल दिया गया. उन्होंने अपील की कि जो भी इस तरह के कार्यक्रम में सहयोग करना चाहते हैं वह हमारी संस्था से संपर्क कर सकते हैं. नवगछिया थाना के एएसआई शंकर साह ने बताया कि नर सेवा नारायण सेवा है. ऐसे कार्य में सबों को सहयोग करना चाहिए और कार्यक्रम की सराहना की. कार्यक्रम में संदीप कुमार गुप्ता, अशोक गुप्ता, विवेकानंद कुमार, शशि शेखर कुमार, नीरज कुमार, नवीन साह, धर्मेंद्र कुमार, डॉ पंकज साह, रूपेश कुमार, मुकेश कुमार साह, शिक्षक सुबोध कुमार, इंस्पेक्टर मृणाल शेखर, चिंटू कुमार, सुमन दत्त समेत अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे.

16 कलाओं से युक्त कृष्ण के हर रूप में है रस : कृष्णा प्रिया

अकबरनगर नगर पंचायत अकबरनगर के श्रीरामपुर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में वृंदावन की कथा वाचिका कृष्णा प्रिया ने भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप के प्रसंग को सुनाया. भगवान श्री कृष्ण के गोकुल आने के बाद छह महीने तक गोकुल में उत्सव मनाया गया. भगवान भोलेनाथ श्री कृष्ण के दर्शन करने साधु का भेष बना कर नंद बाबा के घर पहुंचे. भगवान श्री कृष्ण का लड्डू गोपाल नाम उनकी मासूमियत, मधुरता, शरारत और भक्तों के प्रति प्रेम का प्रतीक है. 16 कलाओं से युक्त कृष्ण के हर रूप में रस है. झांकी से कृष्ण के बाल लीलाओं को दिखाया गया.

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