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किसानों ने की नियमानुसार बालू उठाव कराने की मांग

गम्हरिया ग्राम के मां काली मंदिर प्रांगण में सिंचाई नाला व बालू खनन को लेकर की गयी चर्चा

जमुई. गम्हरिया गांव स्थित मां काली मंदिर परिसर में शनिवार को वन पर्यावरण एवं नदी बचाओ संरक्षण समिति जमुई के बैनर तले बैठक हुई. बैठक में मुख्य रूप से नियम के अनुसार बालू खनन करने पर जोर दिया गया. इसके साथ ही मौरा बालू घाट पर होने वाले बालू खनन को पूर्ण रूप से बंद करने की मांग की गयी. बैठक में बताया गया कि 15 जुलाई 2024 को गिद्धौर प्रखंड कार्यालय सभागार में जिला खनन विभाग के द्वारा मौरा बालू घाट के विषय पर जनता की राय के लिए एक बैठक की गईयी थी. बैठक बिल्कुल गोपनीय तरीके से बालू संवेदक और उनके कर्मी के उपस्थिति में हुई और संवेदक व पदाधिकारी के मेल से अपने मुताबिक फैसले लिये गये. लेकिन मौरा नदी से लाभान्वित राजस्व ग्राम के ग्रामीणों को बैठक में सम्मिलित नहीं किया गया था. इसकी सूचना जब क्षेत्र के किसानों को मिली तो बैठक कर विरोध जताया गया था. किसानों ने प्रशासन से मांग करते हुए कहा था कि गिद्धौर प्रखंड कार्यालय में 15 जुलाई 2024 को हुई बैठक में लिये गये फैसलों को निरस्त किया जाये. इसके साथ ही बैठक को पुनः आयोजित कर लाभान्वित राजस्व ग्राम को सम्मिलित की जाये.

मौरा बालू घाट पर लगी रोक हटा खनन की दी गयी अनुमति गलत

किसानों के द्वारा मौरा बालू घाट पर 2017 से ही अपनी सिंचाई व्यवस्था को बचाने के लिए आंदोलन किया जा रहा है. इस आंदोलन के कारण उच्च न्यायालय में कुणाल कुमार बनाम बिहार सरकार शिकायत दर्ज करायी गयी थी. उस समय उच्च न्यायालय पटना के आदेश पर मौरा बालू घाट पर किसानों के हित को देखते हुए खनन कार्य पर रोक लगा दी गयी थी. फिर इस बालू घाट पर संविदा कर खनन करने की अनुमति देने से सभी किसान परेशान हैं. इस खनन के कारण कई जीवित सिंचाई पईन समाप्त हो जाएगी. बालू खनन के कारण प्रधानचक, जीतझिगोंय, चौकाठिया हरदीमोह, निजुवारा, धोबघट, सिमरिया, पूर्वी कोलहुआ, मौरा सहित दर्जनों गांव के किसानों के खेतों के पटवन हेतु सिंचाई नाला का मुहाना है. बालू उठाव से लाखों हेक्टेयर भूमि बंजर हो जाएगी. सभी किसानों ने मौरा बालू घाट को पूर्ण रूप से बंद करने की मांग रखी. साथ ही जिला में नियमावली के विपरीत बालू खनन पर भी रोक लगाने की मांग की.

मौके पर थे मौजूद

मौके पर किसान नेता कुणाल सिंह, नवयुवक संघ के संयोजक गौरव सिंह राठौड़, नदी बचाओ आंदोलन के सदस्य राहुल कुमार, विवेक कुमार, शैलेश भारद्वाज, समाजसेवी तबारक अंसारी, अशोक कुमार सिंह, अनिल कुमार रावत, उमेश यादव, राजीव नयन झा, राम प्रवेश रावत, मुकेश कुमार मिश्रा, एसएन मिश्रा, बिलाल अंसारी, सुखदेव वेद, मंसूर अंसारी, अजय कुमार भगत, बटेश्वर भगत, नसीमुद्दीन, मो शमीम, मो जमील, मनोज भगत सहित सैंकड़ों किसान उपस्थित थे.

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