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बिना प्रस्वीकृति के चल रहे निजी स्कूलों पर लगेंगे ताले

शिक्षा विभाग की अनदेखी के चलते क्षेत्र में बिना विभागीय मान्यता के कई निजी स्कूल संचालित हो रहे हैं. राज्य सरकार के सख्त आदेशों के बावजूद एक मान्यता से अलग-अलग स्थानों पर तीन-तीन स्कूल संचालित किये जा रहे हैं.

समस्तीपुर : शिक्षा विभाग की अनदेखी के चलते क्षेत्र में बिना विभागीय मान्यता के कई निजी स्कूल संचालित हो रहे हैं. राज्य सरकार के सख्त आदेशों के बावजूद एक मान्यता से अलग-अलग स्थानों पर तीन-तीन स्कूल संचालित किये जा रहे हैं. नया शिक्षा सत्र शुरू होने में कुछ माह विलंब है लेकिन शहर सहित कई इलाकों में ग्रामीणों को बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिलाते समय कई बिना मान्यता वाले स्कूलों का शिकार होना पड़ा रहा है. बैनर पोस्टर के माध्यम से फ्री नामांकन, फ्री ड्रेस आदि का प्रलोभन देकर बच्चों का नामांकन ले रहे हैं. ऐसे स्कूल मान्यता नहीं मिलने के बावजूद पहली से 11वीं के बच्चों को गुमराह करते हुए दाखिला देकर मोटी रकम ऐंठी जा रही है. जिले में बिना प्रस्वीकृति के संचालित हो रहे निजी विद्यालय बंद होंगे. शिक्षा विभाग ने ऐसे विद्यालयों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है. बताते चले कि आरटीई के तहत निजी विद्यालयों को वर्ग 1-8 तक का संचालन करने की अनुमति शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्वीकृति प्राप्त करने के उपरांत दी जाती है. इससे इतर जिले में तीन सौ से अधिक निजी विद्यालय संचालित है जिन्हें वर्ग 1-8 तक का संचालन करने की अनुमति दी गयी है लेकिन वे वर्ग नवम से बारहवीं तक की कक्षा बिना किसी अनुमति के चला रहे है. अभिभावक राजेश कुमार, विकास वर्मा ने बताया कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम एवं विभागीय नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बड़े पैमाने पर निजी विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है. विभागीय लापरवाही एवं उपेक्षित रवैया के कारण बिना मान्यता के प्राइवेट स्कूल खुल रहे हैं. शिक्षा विभाग के सख्त आदेशों के बावजूद भी इस पर विराम नहीं लग पा रहा है. कई स्कूल संचालकों ने तो आठवीं की मान्यता होने के बाद भी 9वीं से 12वीं तक की कक्षाएं संचालित कर रखी है.

बच्चे को दाखिला दिलाने से पहले जरूर जांच लें स्कूल की मान्यता

विद्यालयों में नये सत्र की शुरूआत अगले कुछ माह में हो जायेगी. यदि आप अपने बच्चे का किसी स्कूल में दाखिला कराने की सोच रहे हैं तो सावधानी बरतें. बच्चे को प्रवेश दिलाने से पहले उस स्कूल की मान्यता जरूर जांच लें. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि जिले में 300 से अधिक स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं. जिले में कई स्कूल कई तरीकों से अंग्रेजी के शब्दों के साथ बोर्ड का नाम लिखकर अभिभावकों को गुमराह करने का काम करते हैं. सबसे ज्यादा गुमराह सीबीएसई बोर्ड के नाम पर किया जा रहा है. शहर में केंद्रीय विद्यालय समेत करीब 50 स्कूल मान्यता प्राप्त हैं. विदित हो कि किसी भी विद्यालय का संचालन करने के लिए आरटीई के तहत शिक्षा विभाग से प्रस्वीकृति प्राप्त करना होता है. प्रस्वीकृति मिलने के बाद ही वे विद्यालय केवल कक्षा एक से आठवीं तक संचालित कर सकते है. इसके बाद आगे की मान्यता के लिए एनओसी के बाद नौवीं से 12वीं तक की मान्यता संबंधित बोर्ड से मिलती है. लेकिन बच्चों को अपनी ओर खींचने के लिए स्कूल संचालक सीबीएसई पैटर्न, टू-बी एफिलिएटेड विद सीबीएसई और लाइकली टू-बी एफिलिएटेड विद सीबीएसई आदि लिख रहे हैं.प्रवेश के समय अभिभावकों को स्कूलों से मान्यता के कागजात देखने का अधिकार है. अभिभावक बिना प्रस्वीकृति प्राप्त निजी विद्यालय में बच्चों का नामांकन नहीं करायें. कोई गलत जानकारी देता है तो शिकायत कर सकते हैं. वैसे विद्यालय जो बिना किसी बोर्ड से संबद्धता प्राप्त किये उच्च शिक्षा दें रहे हैं, उनकी भी जांच की जायेगी.

कामेश्वर प्रसाद गुप्ता, डीईओ, समस्तीपुरB

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