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श्रमाधान एप पर मात्र 410 प्रवासी श्रमिक हीं हैं रजिस्टर्ड, हजारों श्रमिक हो रहे पलायन

रोजी-रोटी की तलाश में जिले के मजदूर पलायन का दंश झेलने को मजबूर हैं. आये दिन काफी संख्या में मजदूरों का जिले से पलायन होते रहता है,

जामताड़ा. रोजी-रोटी की तलाश में जिले के मजदूर पलायन का दंश झेलने को मजबूर हैं. आये दिन काफी संख्या में मजदूरों का जिले से पलायन होते रहता है, लेकिन इन प्रवासी मजदूरों का रिकॉर्ड नहीं होता है. जिले भर में प्रवासी मजदूरों ने श्रमाधान एप पर मात्र 410 श्रमिकों ने ही अपना रजिस्ट्रेशन किया है, जबकि प्रतिवर्ष हजारों श्रमिक अन्य राज्यों में रोजगार के लिए जाते हैं. काफी संख्या में ऐसे मजदूर भी हैं, जो बिना रजिस्ट्रेशन के ही मुंबई, दिल्ली, गुजरात, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्य में काम कर रहे हैं. ऐसे में एक ओर जहां श्रम विभाग में रजिस्टर्ड मजदूरों की दुर्घटना में मौत या घायल होने पर उनके आश्रितों को सरकारी सहायता मिल पाती है. वहीं, दूसरी ओर अनरजिस्टर्ड प्रवासी मजदूरों के आश्रित सरकारी सहायता दिलाने में श्रम विभाग को काफी परेशानी होती है. बता दें कि जिले के ग्रामीण इलाकों से मजदूर दूसरे राज्यों में काम करने जाते हैं. आये दिन उनके साथ दुर्घटना या मौत की खबर मिलती रहती है, जिनके आश्रितों के सहयोग के लिये श्रम विभाग हमेशा तत्पर रहता है. मौत पर आश्रित को मिलते है दो लाख रुपये मुआवजा – क्षेत्र के जो मजदूर ऑनलाइन श्रमाधान विभाग के पोर्टल में अपना रजिस्ट्रेशन करवा कर दूसरे प्रदेश में काम करने जाते हैं. इस दौरान अगर किसी कारणवश दुर्घटना में उनकी मौत हो जाती है, तो उनके आश्रितों को श्रम विभाग की ओर से 2 लाख रुपये तक मुआवजे प्रदान किया जाता है, जबकि बगैर रजिस्ट्रेशन दूसरे प्रदेशों में काम के दौरान मौत पर प्रवासी मजदूर के आश्रित को विभाग की ओर से मात्र 50 हजार रुपये सिर्फ शव लाने के लिए प्रदान किया जाता है. क्योंकि ऐसा देखा गया है कि काम के दौरान मौत होने पर अगर वहां की कंपनी प्रवासी मजदूर का शव भेजने से इंकार कर देती है, तो राज्य सरकार शव लाने के लिए आश्रित को 50 हजार रुपये की सहायता प्रदान करती है. बता दें कि जिले में अब तक कुल 410 प्रवासी श्रमिक हैं. इसके साथ ही 27215 असंगठित श्रमिक एवं 17375 निर्माण श्रमिक निबंधित हैं. निबंधन की प्रक्रिया ऑनलाइन होती है, जो श्रमिकों को खुद रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है, लेकिन जागरुकता के आभाव में श्रमिक रजिस्ट्रेशन नहीं कराते हैं. कहते हैं जिला श्रम अधीक्षक – जो भी श्रमिक राज्य से बाहर काम करने जाते हैं. वे श्रमाधान पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराकर ही जायें. ताकि किसी प्रकार की घटना होने से परिजनों को आर्थिक सहायता मिल सके. श्रमिकों के जागरुकता को लेकर प्रखंड स्तर जल्द कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा. – शैलेंद्र साह, जिला श्रम अधीक्षक, जामताड़ा …………………. ……………….. ………… मृत प्रवासी श्रमिक के परिजन को मिला 50 हजार का चेक जामताड़ा. श्रम अधीक्षक कार्यालय में पहली बार नाला प्रखंड के हिदलजोड़ी गांव के मृत प्रवासी श्रमिक तापस मल्लिक के आश्रितों को श्रम अधीक्षक शैलेंद्र कुमार साह ने मुख्यमंत्री प्रवासी श्रमिक मृत्यु, दुर्घटना कोष योजना के तहत 50 हजार रुपये का चेक सौंपा. बताया कि सभी श्रमिक रजिस्ट्रेशन के बाद ही बाहर काम पर जायें, ताकि कुछ घटना घट जाने के बाद ऐसे श्रमिकों के परिजनों को योजना का लाभ मिल सके. मौके पर शुभम कुमार मौजूद थे.

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