Liquor Ban in Bihar: पटना. बिहार में सख्त शराबबंदी के बावजूद शराब पीनेवालों की संख्या लाखों में है. पुलिस थानों में दर्ज आंकड़े बताते हैं कि 2024 में एक लाख से अधिक लोग शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार हुए हैं. 2024 में एक जनवरी से 31 दिसंबर तक राज्य भर में शराब पीने के कारण एक लाख 42 हजार 40 लोग गिरफ्तार हुए. बिहार में शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार होनेवालों में पटना के लोगों की संख्या सबसे अधिक है, जबकि सबसे कम गिरफ्तारी दरभंगा जिले में दर्ज की गयी है. शराबबंदी कानून के तहत यह गिरफ्तारी मद्य निषेध विभाग के माध्यम से विभिन्न जगहों पर छापेमारी और अभियान के दौरान हुई है. सबसे अधिक पटना जिले में 17 हजार 617 लोग शराब पीने के कारण गिरफ्तार हुए. वहीं, दरभंगा में सबसे कम 1182 लोग शराब पीने के जुर्म में गिरफ्तार किए गए हैं.
पूरे साल में हुई कुल 8 लाख 9 हजार 941 छापेमारी
अवैध शराब बिक्री और सेवन के विरुद्ध एक वर्ष में बिहार के विभिन्न जिलों में 8 लाख 9 हजार 941 छापेमारी हुई थी. इसमें कुल एक लाख 19 हजार 941 केस दर्ज हुए. शराब पीने और बीचनेवाले एक लाख 77 हजार 286 लोगों की गिरफ्तारी हुई. 32 लाख 71 हजार 914 लीटर शराब जब्त की गई. इसमें 26.15 लाख लीटर देसी और 6.56 लाख लीटर विदेशी शराब शामिल है. शराब बनाने में काम आनेवाला 137 करोड़ 4 लाख 95 हजार किलो जावा महुआ जब्त किया गया. अवैध शराब लाने-ले जाने और बिक्री में उपयोग होनेवाले 8 हजार 542 वाहन जब्त किए गए. इनमें 6275 दोपहिया हैं. 642 तीन पहिया और 1490 चार पहिया और 135 ट्रक की जब्ती हुई.
दूसरे प्रदेशों से सटे जिलों में अधिक गिरफ्तारी
यूपी और बंगाल जैसे प्रदेशों की सीमा से सटे जिलों में शराब पीनेवालों की संख्या अधिक है. नेपाल, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल की सीमा इन जिलों से सटे हैं. पटना के बाद भभुआ में सबसे अधिक 8 हजार 722 लोग शराब पीने के अपराध में गिरफ्तार किए गए. पूर्वी चंपारण में 6584, जमुई में 4078, मधुबनी में 4130, किशनगंज में 2517 और सीवान में 5580 लोगों की गिरफ्तारी हुई. अप्रैल 2022 में शराबबंदी कानून में बदलाव के तहत पहली बार शराब पीकर पकड़े जानेपर 2 से 5 हजार तक जुर्माना देकर सजा से बचने का प्रावधान जोड़ा गया था. इसके पहले शराब पीकर पकड़े जाने पर सीधा जेल जाना पड़ता था. मजिस्ट्रेट के सामने या न्यायालय से शुल्क राशि लेकर जमानत मिल जाता है.
1 अप्रैल 2016 से पूर्णशराबबंदी कानून
बिहार में एक अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है. इस कानून के प्रावधानों में 5 बार बदलाव किए जा चुके हैं. राज्य सरकार ने 2024 में शराबबंदी कानून को सीसीए के दायरे में लाया है. शराब माफियाओं पर सीसीए लगाने का प्रावधान है. शराब के धंधे में जुटे लोगों की संपत्ति जब्त करने का प्रावधान है.