इस कारण ग्रामीण क्षेत्रों में हरे पेड़ों की कटाई की जा रही है. कहा कि हर साल वन विभाग की ओर से लाखों रुपये खर्च कर वन महोत्सव मनाया जाता है. जिसमें संकल्प लिया जाता है कि वन की रक्षा करना हम वनरक्षकों का परम कर्तव्य है.
कहा कि आज आरा मिल संचालक की मनमानी से गरीबों को घरेलू उपयोग में आनेवाली लकड़ी महंगे दामों में खरीदनी पड़ रही है.क्या कहते हैं रेंजर
जमुआ के वन रोपण पदाधिकारी सुरेश प्रसाद रजक ने कहा कि जमुआ में एक भी आरा मिल संचालित नहीं है. अगर किसी क्षेत्र में आरा मिल के संचालन की सूचना मिलती है तो लोग इसकी सूचना उन्हें दें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है