गालूडीह/घाटशिला. झारखंड-बंगाल बॉर्डर के बोंगडुबा जंगल में फिर बांघ के पंजे के निशान देखे गये हैं. रविवार को इसकी पुष्टि झाड़ग्राम के डीएफओ उमर इमाम ने की. वन विभाग और पुलिस ने ग्रामीणों को अलर्ट कर दिया है. ग्रामीणों को जंगल जाने से मना किया है. जहां बाघ के पंजे के निशान देखे गये हैं, वह इलाका झारखंड सीमा से सटा पश्चिम बंगाल के बेलपहाड़ी थाना के मानियाडीह- बोंगडुबा जंगल है. इस जंगल में एक नहीं अनेक पंजे के निशान मिले हैं. पंजे के निशान मिलने से वन विभाग सतर्क हो गया है. यह इलाका झाड़ग्राम रेंज के अधीन आता है. यहां से झारखंड सीमा सटा है. पहाड़ के इस पार घाटशिला के गांव पड़ते हैं.
सबसे पहले बच्चों ने देखा बाघ के पंजों के निशान
ग्रामीणों ने बताया कि रविवार सुबह में गांव के कुछ बच्चे जंगल में कुरकुट चुनने गये थे. जब बच्चों ने बलुआई मिट्टी में बाघ के पंजे के निशान को देखा तो भागकर गांव पहुंचे. इसके बारे में ग्रामीणों को बताया. ग्रामीण जंगल जाकर निशान को देखा. फिर बेलपहाड़ी पुलिस और झाड़ग्राम वन विभाग को सूचना दी. सूचना पाकर झाड़ग्राम के डीएफओ उमर इमाम दलबल के साथ जंगल पहुंचे. पंजे के निशान की मापी कर बताया कि यह बाघ के पंजे के ही निशान हैं. इसके बाद वन विभाग ने आसपास के गांव के ग्रामीणों को अलर्ट कर दिया. इधर बाघ के पंजे के निशान देखे जाने से आसपास गांव के ग्रामीण भयभीत हैं. ग्रामीणों का कहना है कि अभी मकर पर्व का समय है. ऐसे समय में घर से नहीं निकलेंगे और काम नहीं करेंगे तो पर्व कैसे मनेगा.29 दिसंबर को ही बाकुंड़ा से पकड़ी गयी थी बाघिन जीनत
12जी 24- बाकुंड़ा जंगल में 29 दिसंबर से बेहोश कर ऐसे पकड़ी गयी थी बाघिन
ओडिशा के सिमलीपाल से 24 नवंबर को भागी बाघिन जीनत को भारी मशक्कत के बाद बंगाल के बाकुंड़ा जंगल से वन विभाग ने 29 दिसंबर को पकड़ा था. एक बार फिर बेलपहाड़ी के जंगल में बाघ के पंजे के निशान मिलने से सिरदर्द बढ़ गया है. लोग दहशत में आ गये हैं. वन विभाग अलर्ट हो गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है