पुरैनी. पुरैनी प्रखंड के वासुदेवपुर में आयोजित तीन दिवसीय बाबा डमरगीर मेला के अंतिम दिन प्रवचन सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. तीन दिवसीय मेला में मंदिर में पूजा-अर्चना करनेवालों की भी भीड़ रही और काफी संख्या में लोग मेला देखने भी जुटे. अंतिम दिन अयोध्या से आए हुए प्रवचनकर्ता भगवान शरण जी महाराज ने कहा की सीताराम भगवान श्रीराम साक्षात धर्म के विग्रहवान है. हमारे यहां एक छोटा सा सूत्र है. धर्मो रक्षति रक्षिता. परमात्मा धर्म के रक्षा के लिए धरातल पर आते हैं. रावण धर्म को नष्ट करने के लिए आता है और भगवान श्री राम और रावण में यही अंतर है. श्रीराम की संस्कृति है धर्म की रक्षा करना और रावण की संस्कृति है धर्म को नष्ट करना. मानव से पशु बनाने का काम रावण करता है और पशु से मानव बनाने का काम भगवान श्री राम करते हैं. हमारे यहां शास्त्रों में लिखा हुआ है कि यदि ब्राह्मण अपने धर्म से अच्युत हो जाए तो ब्राह्मण बन सकता है. क्षत्रिय अपने धर्म से अच्युत हो जाए तो क्षत्रिय बन सकता है. वैश्य अपने धर्म से अच्युत हो जाए तो वैश्य हो सकता है किंतु महिला पतिव्रत धर्म अच्युत हो जाए तो पुनः पतिव्रता नहीं बना सकती. किंतु भगवान श्री राम ने अपने पतिव्रता धर्म से अच्युत हुई अहिल्या को पुनः उनको पतिव्रता बना करके अपने पति के लोक भेज दिया. आयोजन को लेकर स्थानीय ग्रामीणों में काफी उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है. तीन दिवसीय इस मेला को सफल बनाने के लिए कपिल देव शर्मा, प्रभात कुमार शर्मा, संजय चौधरी, पंकज चौधरी, शालिग्राम शर्मा, पुरुषोत्तम चौधरी, सुशील चौधरी, रमन चौधरी, मिथिलेश ठाकुर, ललन यादव, पंकज कुमार राम, संजय शर्मा सहित अन्य ग्रामीणों की महत्वपूर्ण भूमिका देखने को मिल रही है.
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