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1.37 करोड़ से शीशमहल बनेगा हेरिटेज

जिले में दिन प्रतिदिन पहुंच रहे पर्यटकों को अब बेतिया राज के धरोहरों को देखना प्राथमिकता में शामिल होगा.

हेरिटेज बनेगा बेतिया राज की महारानी का महल, खर्च होंगे 1.37 करोड़ पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित होंगे बेतिया राज के धरोहर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए राजमहल समेत मठ-मंदिरों का बदलेगा लुक पटना से राजस्व विभाग की टीम भी आकर करेगी बेहतरी का प्रयास राज कचहरी, महारानी शीश महल, रानी क्वार्टर सह प्रबंधक आवास, जवाहररात भवन समेत मठ मंदिर होंगे संरक्षित बेतिया. पश्चिम चंपारण जिले में दिन प्रतिदिन पहुंच रहे पर्यटकों को अब बेतिया राज के धरोहरों को देखना प्राथमिकता में शामिल होगा. बिहार सरकार का राजस्व विभाग और जिला प्रशासन जिले में पहुंचने वाले देश-विदेश के सैलानियों को बेतिया राज की धरोहरों की ओर आकर्षित करने के लिए एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. बेतिया राज की तमाम धरोहरों को दर्शनीय बनाने की योजना को अमली जामा पहनाने की कवायद शुरू हो गई है. इस क्रम में राज्य स्तरीय एक टीम भी बेतिया पहुंचकर पर्यटकों के अनुकूल किया जा रहे कार्यों का अवलोकन करेगी. बेतिया राज के जिन धरोहरों को नया लुक दिया जाएगा, उनमें बेतिया राज कचहरी, महारानी का शीश महल, वर्तमान बेतिया राज प्रबंधक का आवास सह रानी क्वार्टर, जवाहररात भवन के आलावा में बेतिया राज के काली धाम मन्दिर, दुर्गाबाग मन्दिर, उत्तर द्वार देवी मन्दिर, दक्षिण द्वार देवी मन्दिर, पूर्व द्वार देवी मन्दिर, पिउनी बाग शिव मन्दिर, सागर पोखरा शिव मंदिर, हरीवाटिका शिव मंदिर समेत तमाम मठ मंदिर शामिल हैं. बेतिया राज की महारानी का आवासीय भवन अब संरक्षित किया जाएगा और इसे संग्रहालय में परिवर्तित किया जाएगा. इसे हेरिटेज बिल्डिंग की श्रेणी में रखा जाएगा. ताकि इसका पुरातात्विक महत्व बरकरार रह सके. वैसे मौजूद प्राक्कलन के अनुसार महारानी भवन और राजकचरी के सौंदर्यीकरण और जीर्णोद्धार की योजना बनाई गई. हेरिटेज बिल्डिंग के रूप में संरक्षित करने की योजना है. जिलाधिकारी ने सरकार को 1.37 करोड़ का प्रस्ताव स्वीकृति को भेजा है. इसके तहत राज डयोढ़ी परिसर में स्थित बेतिया राज की महारानी का आवासीय भवन अब संरक्षित किया जाएगा और इसे संग्रहालय बनाया जाएगा. इसे हेरिटेज बिल्डिंग की श्रेणी में रखकर इसे संरक्षित करने की पहल शीघ्र शुरू होगी.ताकि इस भवन का पुरातात्विक महत्व भी बरकरा रह सके. इस पर एक करोड़ 37 लाख 54 हजार 100 रुपये खर्च आएगी. दोनों भवनों के प्राक्कलन की तकनीकी अनुमोदन एवं प्रशासनिक स्वीकृति के लिए भवन निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता अशोक कुमार राय ने विभाग के मुख्य अभियंता (उत्तर) को भेजा है. बेतिया राज के महारानी निवास (कोठी) के सौंद्रर्यीकरण कार्य 68 लाख 84 हजार 200 राशि से होगा.जबकि राजकहरी का जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण कार्य 68 लाख 69 हजार 900 राशि से होगा. तकनीकी अनुमोदन व प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद जल्द ही निविदा की प्रक्रिया पूरी की जायेगी. जबकि अन्य धरोहरों के संरक्षण संवर्धन और पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित करने के लिए प्राक्कलन तैयार कराया जाएगा.वही सभी मठ मंदिरों को रंग रोगन कर पर्यटकों के लिए दर्शनीय लुक दिया जाएगा. इस संबंध में अनिल कुमार सिन्हा अपर समाहर्ता सह राज व्यवस्थापक, बेतिया राज ने बताया कि बेतिया राज के सभी धरोहरों को देश-विदेश के सैलानियों के लिए दर्शनीय बनाने की तैयारी और प्रक्रिया शुरू है. मुख्य अभियंता के स्तर से तकनीकी स्वीकृति शीघ्र होने की उम्मीद है. प्रधान सचिव के साथ दो दिन पूर्व हुई बैठक में भी इस पर विधिवत चर्चा हुई है राजस्व विभाग और जिला प्रशासन विभिन्न जानवरों के संरक्षण और संवर्धन के लिए कटिबद्ध है.

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