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हिट एंड रन के 88 मामलों में दिया गया मुआवजा

जिले में हिट एंड रन मामले में मारे गये और घायल लोगों के परिजनों को मुआवजे की राशि दिलाने के मामलों में 88 आवेदन का निष्पादन किया गया है. परिवहन विभाग के प्रयास से ऐसे 88 मामलों में हिट एंड रन के मामले में मृतक के परिजनों को मुआवजे की राशि दिलायी गयी है.

जहानाबाद. जिले में हिट एंड रन मामले में मारे गये और घायल लोगों के परिजनों को मुआवजे की राशि दिलाने के मामलों में 88 आवेदन का निष्पादन किया गया है. परिवहन विभाग के प्रयास से ऐसे 88 मामलों में हिट एंड रन के मामले में मृतक के परिजनों को मुआवजे की राशि दिलायी गयी है.

जिले में हिट और रन के मामले में परिवहन विभाग को प्राप्त हुए थे एक सौ आवेदन

हिट एंड रन मामला उस समय चर्चा में आया है, जब संसद में इस मामले में नया कानून पास कराया गया जिसमें कड़ी सजा का प्रावधान किया गया था. इसके बाद इसके विरोध में देश भर के चालकों ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल की थी. हीट एंड रन मामला उसे कहा जाता है जब कोई अज्ञात वाहन किसी व्यक्ति को कुचलकर या ठोकर मारकर भाग जाता है. इसके बाद उसे मृतक अथवा घायल व्यक्ति को मुआवजा देने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है. सड़क पर चलने वाले प्रत्येक वाहन का इंश्योरेंस कराया जाता है. बगैर इंश्योरेंस की कोई भी गाड़ी सड़क पर नहीं चल सकती है, क्योंकि बिना इंश्योरेंस के किसी भी गाड़ी का न तो रजिस्ट्रेशन होता है न ही फिटनेस बनता है और न ही परमिट बनाया जाता है. किसी भी कंपनी से इंश्योरेंस में उस वाहन और वाहन पर बैठे ड्राइवर और खलासी के साथ-साथ थर्ड पार्टी का भी इंश्योरेंस होता है, यानी उक्त वाहन से दुर्घटना होने पर सड़क पर चल रहे किसी दूसरे व्यक्ति को थर्ड पार्टी कहते हैं. वह व्यक्ति पैदल या किसी दूसरे वाहन पर सवार हो सकता है. ऐसे में किसी इंश्योर्ड वाहन से दुर्घटना होने पर अगर किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है अथवा कोई घायल हो जाता है तो उसे मृत व्यक्ति के परिजन अथवा घायल के द्वारा क्लेम करने पर उक्त इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा मुआवजे की राशि दी जाती है किंतु जब कोई गाड़ी किसी व्यक्ति या दूसरे वाहन को कुचलकर या ठोकर मार कर भाग जाता है तो ऐसी घटना में दुर्घटना में किसी व्यक्ति की जान जाने अथवा घायल होने पर उक्त व्यक्ति अथवा उसके परिजन को अब तक मुआवजे मिलने में बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ता था या दूसरे शब्दों में कहें तो मुआवजा नहीं मिल पाता था. इन सब मामलों को देखते हुए सरकार ने इंश्योरेंस कंपनियों से बातचीत कर ऐसी घटना में मृत व्यक्तियों के परिजनों अथवा घायलों को मुआवजा दिलवाने का रास्ता निकाला है. ऐसे ही हिट एंड रन मामलों के शिकार हुए पीड़ित व्यक्तियों और उनके परिवार के सदस्यों के द्वारा मुआवजे के लिए जहानाबाद जिले में हिट एंड रन के 131 मामले सामने आए हैं. इनमें से जिला परिवहन कार्यालय को अब तक 100 आवेदन प्राप्त हुए थे. अब इन आवेदनों में से 88 आवेदनों का निष्पादन किया गया है. इन मामलों में मृतक के परिजनों को 2 लाख रूपये की मुआवजा राशि उनके परिजनों को दी गई है. जबकि घायलों को 50 हजार रूपये का मुआवजा दिया गया है.

तुरंत दर्ज करायी जाये एफआइआर : किसी भी सड़क दुर्घटना में मृतक के परिजन अथवा घायल व्यक्ति को मुआवजा दिलाने के लिए सरकारी स्तर से लेकर जिलास्तर तक उक्त जिले के पुलिस अधीक्षक को इस मामले में सख्त होना पड़ेगा कि किसी भी दुर्घटना के मामले में संबंधित थाने में तुरंत एफआईआर दर्ज की जाये चाहे उसे मामले में वैसे वाहन जिससे दुर्घटना हुई है, का पता हो या न हो.

दुर्घटना में पीड़ित व्यक्ति अथवा उसके परिजन को भी ऐसे मामलों में तुरंत एफआईआर के लिए पहल करनी चाहिए. दुर्घटना मे घालय या मृत के अज्ञात होने पर संबंधित थाने के द्वारा किसी पुलिसकर्मी या चौकीदार के माध्यम से भी एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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