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बिहार में नहरों को मिलेगा नया जीवन, गाद हटाने पर 250 करोड़ खर्च करेगा जल संसाधन विभाग

Canals in Bihar: योजना के तहत के तहत नहरों से गाद की सफाई से लेकर क्षतिग्रस्त हिस्से दुरुस्त किये जायेंगे. खासकर सिंचाई अवधि में नहरों में हुए टूटान व कटान का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा. साथ ही नहरों पर उग आए जंगलों की सफाई होगी और नहरों पर बने छोटे पुल-पुलियों की मरम्मत होगी.

Canals in Bihar: पटना. बिहार के नहरों को नया जीवन मिलने जा रहा है. नहरों के कायाकल्प की तैयारी है. इसके तहत उनके गाद की सफाई होगी और उनकी क्षमता में बढ़ोतरी की जाएगी. नहरों को इस तरह पुनर्जीवित किया जाएगा ताकि उनके अंतिम छोर तक पानी पहुंचे और वे अधिक से अधिक खेतों तक सिंचाई का पानी पहुंचा सकें. जल संसाधन विभाग ने इसकी व्यापक कार्ययोजना बनायी है. इस योजना पर 250 करोड़ खर्च होंगे.

बिहार के कई नहरों की स्थिति काफी खराब

इस समय बिहार के कई नहर काफी खराब स्थिति में हैं. कई अपनी क्षमता के अनुसार खेतों तक पानी नहीं पहुंचा पा रहे हैं. कई नहर जर्जर हो चुके हैं तो कई क्षतिग्रस्त हैं. उनके ऊपर बने पुलिया भी जीर्णशीर्ण अवस्था में हैं. लाइनिंग में समस्या है. नहरों पर कई जगहों पर घने तो कई जगहों पर हल्के जंगल उग आए हैं. इन सबसे उनकी क्षमता बुरी तरह प्रभावित हो रही है. बड़ी संख्या में नहरों में अंतिम छोड़ तक पानी नहीं पहुंच पा रहा. इससे पर्याप्त मात्रा में पानी होने के बावजूद सिंचाई के समय किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार पानी नहीं पहुंच पा रहा है. ऐसे में उनका जीर्णोद्धार आवश्यक हो गया है. इसी को लेकर पिछले दिनों विभागीय स्तर पर इसकी कार्ययोजना तैयार की गयी है.

बिहार में है 36 हजार किलोमीटर नहर

बिहार में नहरों और उनकी शाखाओं की कुल लंबाई लगभग 36 हजार किलोमीटर है. इनमें मुख्य नहर, शाखा नहर, उप शाखा नहर, वितरणी, उप वितरणी, लघु नहर, जलवाहों की लंबाई शामिल है. यही नहीं नहरों को ए, बी और सी कैटेगरी में भी बांटा गया है. यदि वृहद व मध्यम सिंचाई योजनाओं के आधार पर योजनावार देखें तो मुख्य नहर, शाखा नहर, उप शाखा नहर, वितरणी, उप वितरणी, लघु नहर की लंबाई 19 हजार किलोमीटर और जलवाहों की लंबाई 17 हजार किलोमीटर है.

13 सूत्री कार्ययोजना तैयार

योजना के तहत 13 सूत्री कार्ययोजना तैयार की गयी है. इसमें हल्के व घने जंगल हटाये जाएंगे और नहरों के आउटलेट, प्रोटेक्शन दीवार और इंटेल को दुरुस्त करने की योजना शामिल है. इसके अलावा टूटान व कटान छोड़कर नहर बांध की मरम्मति व सुदृढ़ीकरण की योजना पर भी काम होगा. साथ ही ए, बी और सी कैटेगरी के नहरों के गाद की सफाई के लिए लिए अलग-अलग कार्ययोजना बनायी गयी है.

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