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Makar Sankranti 2025: स्नान दान का पर्व मकर संक्रांति आज, जानें कब तक रहेगा पुण्यकाल, खत्म हो गया खरमास

Makar Sankranti 2025: राजधानी में सोमवार को लोहड़ी का उत्साह व उल्लास देखने को मिला. इस मौके पर लाला लाजपत राय मेमोरियल हॉल और बाल लीला मैनी संगत गुरुद्वारा सहित शहर में कई जगहों पर लोहड़ी की धूम रही.

Makar Sankranti 2025: पटना में सोमवार की रात लोहड़ी खुशियों से रौनक हो उठी. सिख व पंजाबी समुदाय के लोगों ने अपने घरों और विभिन्न जगहों पर पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ लोहड़ी सेलिब्रेट किया. इसके लिए लोहड़ी प्रज्ज्वलित की गयी. मौके पर हर कोई पंजाबी संस्कृति और दुल्ला भट्टी से जुड़े लोकगीतों पर थिरक उठे. फिर लोहड़ी की परिक्रमा की और गजक, रेवड़ी, मूंगफली, मक्का और पॉपकॉर्न को अग्नि देव को अर्पित किये. इसके बाद लोग गिद्दा और भांगड़ा की धुन पर थिरक उठे. इस मौके पर पंजाबी बरादरी (पटना) और लेडीज विंग के संयुक्त तत्वावधान में लाला लाजपत राय मेमोरियल भवन में लोहड़ी प्रज्ज्वलित की गयी. अग्नि की परिक्रमा करने के साथ लोगों ने एक-दूसरे को त्योहार की बधाई दी. महिलाओं ने ‘सुंदर मुंदरिये हो, तेरा कौन विचारा हो’… जैसे गीत गाये. ढोल की थाप पर गिद्दा किया.समारोह के दौरान अग्नि जलायी गयी, तो सभी लोग झूम डठे. पंजाब के लोक गीतों से लाला लाजपत राय भवन गूंज उठा. मकर संक्रांति से पहले वाली रात को मनाया जाने वाला लोहड़ी का पर्व पंजाबी समुदाय के लोगों के लिए खास महत्व रखता है. यह प्रकृति के प्रति आभार का पर्व भी है, जिसमें जल, अग्नि और सूर्य की पूजा की जाती है. माघ कृष्ण प्रतिपदा में मंगलवार को बुध के मूलांक के साथ पुनर्वसु व पुष्य नक्षत्र में मकर संक्रांति का पर्व मनाया जायेगा. 19 वर्षों के बाद भौम-पुष्य योग का संयोग बन रहा है. दोपहर 2:55 बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे.

Students And Teachers Dance Around Bonfire To Celebrate Lohri And Makar Sankranti Festival At Jd Womens College 4
लोहड़ी पर्व का उत्सव मनातीं छात्राएं

पंजाबी परंपराओं को सहेजना जरूरी : दिलजीत खन्ना

उत्सव की शुरुआत पंजाबी बरादरी के अध्यक्ष दिलजीत खन्ना ने की. उन्होंने लोहड़ी के पर्व पर सभी को शुभकामनाएं दीं और कहा कि पंजाबी परंपराओं को सहेजना और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना बहुत महत्वपूर्ण है. खन्ना ने कहा कि लोहड़ी खासकर नवविवाहित जोड़ों और नवजात बच्चों के लिए अहम मानी जाती है. कार्यक्रम का उद्घाटन एन सी सी ग्रुप (बिहार एवं झारखण्ड निदेशालय) के अतिरिक्त महानिदेशक मेजर जनरल एएस बजाज, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी के निदेशक कर्नल राहुल शर्मा ने किया.

कृतज्ञता और समृद्धि का प्रतीक है लोहड़ी : बजाज

मौके पर मेजर जनरल बजाज ने कहा कि लोहड़ी का पर्व पंजाबी संस्कृति में कृतज्ञता और समृद्धि का प्रतीक है. यह पर्व सर्दियों के अंत और फसल कटाई के समय को चिन्हित करता है. अतिथियों ने पंजाबी परिवारों को लोहड़ी पर्व की बधाई दी और पारंपरिक विरासत को जीवित रखने के प्रयासों की सराहना की. उत्सव के दौरान बच्चों और महिलाओं ने पंजाबी लोक नृत्य भांगड़ा और गिद्दा की शानदार प्रस्तुति दी. साथ ही बॉलीवुड गीतों पर भी उत्साहजनक प्रदर्शन किये गये.

रात्रि भोज में परोसे गये सरसों का साग व मक्के की रोटी

कार्यक्रम का समापन पारंपरिक पंजाबी रात्रि भोज के साथ हुआ, जिसमें सरसों का साग, मक्के की रोटी, गुड़ के चावल और तिल लड्डू परोसे गये. उत्सव में पंजाबी बरादरी के कई प्रमुख सदस्य इनमें महासचिव बीपी. धवन, उपाध्यक्ष अशोक सोनी और संजय सलूजा, कोषाध्यक्ष इंदरपाल सिंह लवली, लेडीज विंग की अध्यक्ष उमा सिंह, जनरल संयोजक पम्मी मल्होत्रा एवं कोषाध्यक्ष हेमा गाला शामिल थीं. अन्य अतिथियों में ममता मेहरोत्रा, डीबी. गुप्ता, रमन सिंधी, एचएल. गुलाटी, सरदार तरलोचन सिंह, सरदार जगजीत सिंह, अनूप कुमार टंडन, सरदार एमपी. सिंह, रश्मि सिंह, पूनम सलूजा, डॉली कोहली, अंजू भसीन, रेनू सिंह, अन्नू गांधी, सविता जालान, वीना गुप्ता एवं बरादरी की प्रथम महिला सीमा खन्ना भी मौजूद थीं.

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पटना सिटी : परंपरागत तरीके से मनायी गयी लोहड़ी

सिख समुदाय की ओर से सोमवार को परंपरागत तरीके से लोहड़ी का त्योहार मनाया गया. बाल लीला मैनी संगत गुरुद्वारा में संत बाबा कश्मीर सिंह भूरी वाले के निर्देश पर आयोजित लोहड़ी उत्सव में बाबा सुखबिंदर सिंह उर्फ सुक्खा बाबा व बाबा गुरबिंदर सिंह की देखरेख में लोहड़ी का त्योहार मनाया गया. शुरुआत दरबार साहिब में वाहे गुरु की एक घंटे से अधिक तक संगत के साथ चली जाप के बाद गुरुवाणी के शबद गाये गये. इसके बाद लोहड़ी जला पूजा-पाठ कर उत्सव मनाया गया. आयोजन में तख्त साहिब के ज्ञानी सतनाम सिंह, ज्ञानी सुखदेव सिंह, बाबा चमकौर सिंह, बाबा मनविंदर सिंह, बाबा गुरवंत सिंह, प्रबंधक राजन सिंह, अजय सिंह चप्पू के साथ काफी संख्या में संगत शामिल हुए. उत्सव के दौरान गिद्दा व भांगड़ा नृत्य कर उत्सव को परंपरागत तरीके से मनाया गया. आयोजन में प्रबंधक राजन सिंह, रागी अमर सिंह, निरंजन सिंह, अजय सिंह समेत काफी संख्या में संगत शामिल हुए. इस दौरान तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब में त्योहार मनाने वाले दरबार साहिब में मत्था टेकने पहुंच रहे थे. दूसरी ओर शाम के समय में हरमंदिर गली, पंजाबी कॉलोनी और तख्त साहिब के अलावा अन्य जगहों पर रहने वाले सिख समुदाय के लोगों ने परिवार के साथ लोहड़ी जला पूजा पाठ किया.

संक्रांति का बिखरा उल्लास

पटना. माघ कृष्ण प्रतिपदा में मंगलवार को बुध के मूलांक के साथ पुनर्वसु व पुष्य नक्षत्र में मकर संक्रांति का पर्व मनाया जायेगा. 19 वर्षों के बाद भौम-पुष्य योग का संयोग बन रहा है. दोपहर 2:55 बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे. इसी के साथ सूर्यदेव उत्तरायण हो जायेंगे और देवताओं का दिन भी शुरू हो जायेगा. मकर संक्रांति का पुण्यकाल मंगलवार को पूरे दिन रहेगा. मौके पर सनातन धर्मावलंबी गंगा में आस्था की डूबकी, दान, भगवत पूजन, वेद मंत्रों का जाप, धार्मिक कृत्य करेंगे. वहीं सूर्य के मकर राशि में गोचर करते ही खरमास समाप्त हो जायेगा और हिंदुओं के सभी मांगलिक कार्य आरंभ हो जायेंगे.

तिलखट भरने की है अनोखी परंपरा

आचार्य राकेश झा ने कहा कि मिथिलांचल में मकर संक्रांति के दिन तिलखट भरने की अनोखी परंपरा है. इसमें घर की मां व दादी स्नान-पूजा के बाद तिल-चावल-गुड़ के मिश्रण का प्रसाद बना कुलदेवता को अर्पित कर बेटे-पोते व कुंवारी कन्याओं के हाथ में तीन बार देते हुए तिलखट भरवाती हैं और बदले में खूब आशीर्वाद देती हैं. तिलखट भरते समय उनसे यह वचन लिया जाता है कि मरते दम तक वो उनका साथ नहीं छोड़ेंगे और अपने कुल की मर्यादा व परंपराओं का बखूबी निर्वहन करेंगे.

दूध-दही, तिल-तिलकुट की खूब हुई खरीदारी

मकर संक्रांति को लेकर राजधानी के बाजार में सोमवार को तिलकुट, तिल से बनी मिठाइयां, गुड, दही, दूध और चूड़ा की काफी मांग रही. शहर में कई जगहों पर तिलकुट की दुकानें सजी दिखीं. शहर के गली-मोहल्लों से लेकर बाजार में भी कई जगहों पर फुटपाथ पर टेंट लगाकर अस्थायी दुकानें खोली गयी हैं. तिलकुट की सोंधी खुशबू लोगों को दूर से ही आकर्षित करती रही. बाजार में तिलकुल की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ लगी रही, वहीं दूसरी ओर सुधा काउंटरों पर लोग दूध और दही की खरीदारी में लगे रहे.

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गोभी, मटर व कटहल की रही मांग, तो बढ़ गयी कीमतें

मकर संक्रांति को लेकर सोमवार को विशेषकर फूल गोभी, छिमी और कटहल की मांग रही. इसके कारण देर रात तक सब्जी मंडियों में लोग खरीदारी करते देखे गये. मांग के कारण सब्जियों की कीमतों में दस -20 रुपये प्रति किलो तक का इजाफा दर्ज किया गया. सोमवार को पटना के खुदरा बाजार में मटर की कीमत 50-60 रुपये प्रति किलो बिका, जबकि रविवार को 30-40 रुपये प्रति किलो बिका था. वहीं फूल गोभी 20 से 25 रुपये प्रति पीस आज बिका. पिछले दिनों गोभी की कीमत 10-15 रुपये प्रति पीस था. कटहल की कीमत में 20 रुपये तक की तेजी दर्ज की गयी. सोमवार को कटहल 60-100 रुपये प्रति किलो तक बिका. टमाटर की कीमत 20 रहा है.

मकर संक्रांति पर खिचड़ी बनाने व खाने की है परंपरा

मकर संक्रांति पर खिचड़ी बनाने और खाने की परंपरा का उल्लेख कई प्राचीन धार्मिक ग्रंथों में मिलता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, खिचड़ी भगवान सूर्य और शनि देव से जुड़ी है. मान्यता है कि मकर संक्रांति पर खिचड़ी बनाने और खाने से घर में सुख-समृद्धि आती है. दाल, चावल और हरी सब्जियों को मिलाकर खिचड़ी बनायी जाती है. इसलिए खिचड़ी को पौष्टिक आहार माना जाता है. खिचड़ी खाने से सर्दियों में एनर्जी मिलती है. साथ ही शरीर गर्म रहता है. मकर संक्रांति पर खिचड़ी का दान करना भी बहुत शुभ माना जाता है.

नवग्रहों से है खिचड़ी का संबंध

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, खिचड़ी के चावल, काली दाल, हल्दी और हरी सब्जियों का विशेष महत्व है. मान्यता है कि खिचड़ी के चावल का चंद्रमा और शुक्र की शांति से महत्व है. काली दाल से शनि राहू और केतु का महत्व बताया जाता है. खिचड़ी में पड़ने वाली हल्दी का संबंध गुरु बृहस्पति से है. इसमें पड़ने वाली हरी सब्जियां बुध से संबंध रखती हैं. वहीं खिचड़ी के पक जाने पर उससे जो गर्माहट निकलती है, उसका संबंध भगवान सूर्य और ग्रहों के सेनापति मंगल से बताया जाता है. इस तरह सभी नौ ग्रहों से खिचड़ी का संबंध है. इसलिए इस दिन खिचड़ी के दान का बहुत महत्व माना जाता है.

मकर संक्रांति और लोहड़ी पर खूब हुई पतंगबाजी

Students Holds Kites To Celebrate Lohri And Makar Sankranti Festival At Jd Womens College 5
मकर संक्रांति पर पतंगबाजी करतीं महिलाएं

जेडी वीमेंस कॉलेज : लोहड़ी और मकर संक्रांति के अवसर पर जेडी वीमेंस कॉलेज के खेल विभाग की ओर से सोमवार को ‘उमंग तरंग पतंग’ का आयोजन किया गया. मौके पर पतंग उड़ाने, संगीत और नृत्य की प्रतियोगिताएं आयोजित की गयीं, जिसमें छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. कॉलेज के प्राचार्या प्रो मीरा कुमारी ने कहा कि मकर संक्रांति और लोहड़ी के त्योहार हमें हमारी संस्कृति और परंपराओं के महत्व को याद दिलाते हैं. हमें अपनी संस्कृति को बनाये रखने और आगे बढ़ाने के लिए ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करना चाहिए. इस अवसर पर छात्राओं ने पतंग उड़ाया जिसमें विभिन्न विभागों की टीचर्स भी शामिल रहीं. मौके पर डॉ रेखा मिश्रा, डॉ विद्या सिन्हा, डॉ वीणा अमृत, डॉ मालिनी, डॉ हीना रानी समेत नेहा, चांदनी, निधि, प्रीत समेत कई छात्राएं मौजूद रहीं.

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