घाटशिला. घाटशिला प्रखंड में मनरेगा योजना के मजदूरों, कर्मचारियों और वेंडरों को चार माह से मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है. इस मद में लगभग डेढ़ करोड़ रुपये बकाया है. बड़ाजुड़ी, आसना, कालचिती समेत अन्य पंचायतों में मनरेगा योजना से कुआं खुदाई, मेढ़ बंदी, दीदी बाड़ी, तालाब खुदाई समेत कई योजनाएं संचालित हैं. मकर पर्व पर मजदूरी भुगतान नहीं होने से नाराजगी है. प्रखंड में लगभग एक दर्जन वेंडर हैं. जानकारी के मुताबिक, मजदूरों का लगभग 90 लाख रुपये बकाया है. एक दर्जन वेंडर का 65 से 70 लाख रुपये बकाया है. आसना पंचायत के मुखिया मानसिंह हेंब्रम ने बताया कि पदाधिकारी व कर्मचारियों की लापरवाही से भुगतान नहीं हुआ है. मजदूर मुखिया के घर आकर बकाया भुगतान की मांग कर रहे हैं. बड़ाजुड़ी की मुखिया रायश्री सामद ने बताया कि मजदूरों से बात हुई है. कुछ मजदूरों की मजदूरी का भुगतान हुआ है. पंचायत में लगभग तीन से साढे तीन लाख रुपये मजदूरों का भुगतान नहीं हुआ है. वेंडर मैटेरियल देते हैं. कई माह से उनका बकाया है. वेंडर को राशि भुगतान होने से मनरेगा काम में और तेजी आयेगी. मकर पर्व पर मजदूरों की राशि भुगतान नहीं होने से नाराजगी है. कालचिती पंचायत के मुखिया बैद्यनाथ मुर्मू ने बताया कि हाल में मजदूरी का भुगतान हुआ है. मकर पर मजदूरी भुगतान करना चाहिए. बीपीआरओ सोनाराम किस्कू ने बताया कि हाल में मजदूरी का भुगतान हुआ है. पिछली मजदूरी बकाया है, तो अबतक किसी ने शिकायत नहीं की है. वेंडर की राशि बकाया है. इसकी जानकारी है. इस संबंध में वे कुछ नहीं बता सकते हैं. बीडीओ यूनिका शर्मा ने बताया कि मनरेगा कर्मियों को अक्तूबर तक के मानदेय का भुगतान हुआ है. हड़ताल पर जाने से मनरेगा कर्मियों का मानदेय रुका है. अन्य प्रखंडों में मनरेगा कर्मियों ने काम किया. घाटशिला प्रखंड में ऐसा नहीं हुआ. इससे मनरेगा कार्य प्रभावित हुआ है. मनरेगा कर्मी, मजदूर और वेंडर की राशि भुगतान नहीं हुआ है. भुगतान की दिशा में पहल होगी.
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