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वैशाली शहरी विकास को-ऑपरेटिव बैंक में लोन फर्जीवाड़ा के साथ-साथ डेटा चोरी भी

वैशाली शहरी विकास को-ऑपरेटिव बैंक के करोड़ों के घोटाला में चौंकाने वाले तथ्ये सामने आ रहे हैं.इस बैंक में न केवल लोन में फर्जीवाड़ा किया गया , बल्कि डेटा चोरी भी की गयी.

सीइओ विपिन तिवारी के बैंक खातों से 29 करोड़ का लेनदेन

संवाददाता,पटना

वैशाली शहरी विकास को-ऑपरेटिव बैंक के करोड़ों के घोटाला में चौंकाने वाले तथ्ये सामने आ रहे हैं.इस बैंक में न केवल लोन में फर्जीवाड़ा किया गया , बल्कि डेटा चोरी भी की गयी. अधिकतर ऋण कुछ व्यक्तियों के आधार नंबरों में हेराफेरी करके और नकली पैन, एलआइसी बॉन्ड और वेयरहाउसिंग भुगतान रसीदों का उपयोग करके वितरित किये गये थे. आरबीआइ की जांच में जब धोखाधड़ी का पता चला, तो लोन पेपर्स के सत्यापन के लिए फॉरेंसिक टीम लायी गयी थी.जांच में पाया गया कि नकद क्रेडिट लिमिट और लोन डिमांड के तहत चार सौ फर्जी ऋण लाभार्थियों के नाम पर फंड का गबन किया गया था.

आरबीआइ ऑडिट टीम ने जांच के दौरान पाया कि दिसंबर 2021 और दिसंबर 2022 के बीच सीइओ विपिन तिवारी के बैंक खातों के माध्यम से 29 करोड़ का लेनदेन किया गया था. इसमें मेहरा ट्रैवल्स के नितिन मेहरा से 2.53 करोड़ और एन डायमेंशन के माध्यम से 74 लाख शामिल थे.जांच में यह भी पता चला कि बैंक से आरटीजीएस और एनइएफटी के माध्यम से मेहरा ट्रैवल्स और एन डायमेंशन के बैंक खातों में क्रमशः 7.12 करोड़ और 2.27 करोड़ स्थानांतरित किये गये थे. जांच में अप्रैल 2020 से दिसंबर 2022 के बीच सीइओ के आइसीआइसीआइ बैंक खातों से 6.67 करोड़ के लेनदेन का भी पता चला था.रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के बाद तीनों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी गयी. वहीं,तीनों के खिलाफ सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार के यहां वसूली का मामला दायर किया गया है.

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