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Gopalganj News : मकर संक्रांति के मौके पर आज थावे में मां सिंहासनी को चढ़ाया जायेगा खिचड़ी महाभोग का प्रसाद

Gopalganj News : मकर संक्रांति का पर्व मंगलवार को मनाया जायेगा. बिहार के प्रमुख धार्मिक स्थलों में एक थावे में मां सिंहासनी को खिचड़ी महाभोग प्रसाद चढ़ाने की तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं.

गोपालगंज. मकर संक्रांति का पर्व मंगलवार को मनाया जायेगा. बिहार के प्रमुख धार्मिक स्थलों में एक थावे में मां सिंहासनी को खिचड़ी महाभोग प्रसाद चढ़ाने की तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. मंदिर के पूर्व कोषाध्यक्ष प्रेम केडिया के नेतृत्व में खिचड़ी चढ़ाने की तैयारी हो रही थी.

महाप्रसाद खाने पर पूरे साल बनी रहती है मां की कृपा

मंदिर के मुख्य पुजारी पं संजय पांडेय ने बताया कि मां को चढ़ने वाला खिचड़ी महाप्रसाद पाने वाले पर पूरे साल मां की कृपा बनी रहती है. आरोग्य, सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. तीन साल बाद 14 जनवरी को मकर संक्रांति का संयोग बन रहा है. वर्ष 2024, 2023 व 2022 में श्रद्धालुओं ने 15 जनवरी को संक्रांति पर्व मनाया था. मकर संक्रांति का पुण्य काल दिनभर रहेगा. पूजा का समय सुबह 7:55 बजे के बाद आरंभ हो जायेगा. स्नान-दान के लिए यह पर्व शुभ फलदायी माना गया है.

मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त को भी जानें

बंजारी रोड स्थित ज्योतिष परामर्श केंद्र के दैवज्ञ अखिलेश्वर सिंह ने बताया कि हृषिकेश पंचांग के अनुसार 14 जनवरी की 3:27 बजे पर सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होगा. वहीं काशी के विद्वान पं चंद्रमौली चौबे ने बताया कि महावीर पंचांग में सूर्य 8:41 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे. पुष्य नक्षत्र 10:17 बजे से होगा. 10: 48 बजे से 11.42 बजे तक चंद्र का हो रहा. उसके बाद 12:36 बजे तक शनि का होगा. ऐसे में सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक स्नान दान का शुभ मुहूर्त रहेगा. इसमें सुबह 8:55 बजे से लेकर दोपहर में 12:51 बजे तक का समय पुण्य काल रहेगा. जबकि 8: 55 बजे से लेकर 9:29 बजे तक का समय महापुण्य काल रहेगा. इस समय अमृत काल होने से स्नान दान का सर्वोत्तम फल मिलेगा.

मकर संक्रांति पर दान, पुण्य और स्नान का महत्व

मकर संक्रांति के दिन स्नान दान पुण्य का विशेष महत्व होता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन गंगा, नारायणी नदी में स्नान और दान पुण्य करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है. साथ ही व्यक्ति का भाग्योदय होता है. साथ ही इस दिन सूर्य देव उत्तरायण की तरफ से मकर रेखा से उत्तर दिशा में आ जाते हैं. इस वजह से मकर संक्रांति को उत्तरायण भी कहा जाता है. साथ ही इस दिन सूर्यदेव के साथ-साथ भगवान विष्णु की उपासना भी की जाती है. इस दिन दान पुण्य करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जायेंगे. साथ ही इस दिन शनि गरीब, मजदूर और जरूरतमंद लोगों को गुड़ रेवड़ी मूंगफली का दान आदि करना चाहिए.

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