Gaya News: उत्तर प्रदेश के तीर्थ यात्रियों की एक बस डोभी चेक पोस्ट पर बैरियर से टकरा गयी. जिससे लगभग 12-13 तीर्थयात्री घायल हो गये. बस से सफर करने वाले अमित जिंदल, राजीव कुमार गर्ग (एडवोकेट) समेत कई महिला यात्रियों ने गंभीर आरोप लगाये हैं. यात्रियों का कहना है कि चेक पोस्ट कर्मियों ने बस को रोका, जांच की, फिर जाने दिया. लेकिन, जैसे ही बस आगे बढ़ी, बैरियर को अचानक गिरा दिया गया. यात्रियों का दावा है कि चेक पोस्ट कर्मी अवैध वसूली कर रहे थे. पैसे न देने पर बैरियर गिरा दिया गया. तब तक बस स्पीड में थी, जिससे यह हादसा हुआ. इस टक्कर से बस को बड़ा नुकसान हुआ और यात्रियों को चोटें भी आयी.
घटना के बाद यात्रियों ने जमकर किया हंगामा
घटना के बाद यात्रियों ने जमकर हंगामा किया. उनका आरोप है कि पुलिस ने उनकी मदद करने के बजाय चेक पोस्ट कर्मियों का पक्ष लिया. गुस्साएं तीर्थ यात्रियों ने न्याय की मांग करते हुए कहा कि वे तब तक वहां से नहीं हटेंगे, जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती है. यात्रियों ने बताया कि वे बीते 18 दिनों से तीर्थ यात्रा पर हैं. गंगासागर सहित नेपाल होते हुए गया जी जा रहे थे. गया में प्रवेश से पहले ही चेक पोस्ट कर्मियों और जिला पुलिस ने बदसलूकी की. यह हादसा सरकारी तंत्र की लापरवाही के कारण हुई है. उत्तर प्रदेश के मेरठ से आये तीर्थ यात्रियों ने कहा कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे यहीं प्रदर्शन जारी रखेंगे. हादसे में घायल यात्रियों का इलाज कराया जा रहा है. हालांकि, चेक पोस्ट कर्मियों और पुलिस की ओर से आरोपों पर कोई जवाब नहीं मिला है.
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चेक पोस्ट पर अवैध वसूली का आरोप
घटना ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिये हैं. तीर्थ यात्रियों की इस दुर्गति को लेकर स्थानीय प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर जांच की मांग तेज हो गयी है. वहीं चेक पोस्ट पर आये दिन पैसा उगाही का मामला आता रहा है. लेकिन, शासन व प्रशासन के द्वारा कभी भी ठोस कदम नहीं उठाया गया. इस संबंध में शेरघाटी डीएसपी सह प्रशिक्षु आईपीएस शैलेश सिंह ने बताया कि तीर्थ यात्रियों की दो बस थी. दोनों आगे पीछे थी. बैरियर अचानक गिराए जाने की वजह से आगे चल रही बस बैरियर से टकरा गयी. इसकी वजह से पीछे वाली बस आगे वाली बस में धक्का मार दिया. इससे दोनों बस को नुकसान हुआ. इस बात को लेकर तीर्थ यात्री नाराज थे. उन्होंने कुछ देर के लिए सड़क जाम किया, लेकिन उन्हें समझा बुझा कर शांत कराया गया और उन्हें गया के लिए भेज दिया गया.