मकर संक्रांति पर एक दिन में दो करोड़ से अधिक का दूध-दही गटक गये लोग
चिउड़ा, मुरही और गुड़ के साथ हुआ तिलकुट का करोड़ से अधिक का कारोबार
पूर्णिया. इस साल मंगलवार को मकर संक्रांति को लेकर पूर्णिया में दूध और दही की भारी खपत हुई. महज एक दिन में पूर्णिया में दही और दूध का कारोबार हुआ जबकि इसी अनुपात में तिलकुट एवं अन्य सामग्रियों का व्यवसाय हुआ. हालांकि मकर संक्रांति के बहाने बुधवार 15 जनवरी को भी दही-चूड़ा का भोज हो रहा है इस लिहाज से विभिन्न डेयरी कंपनियों के साथ लोकल डेयरी फार्म ने अपनी तैयारी पूरी रखी है. उपलब्ध जानकारी के अनुसार पूर्णिया में सिर्फ दो डेयरी कंपनियों ने तीन लाख लीटर दूध बेचा है. बाजार में इसकी औसत कीमत एक करोड़ 65 लाख होती है. इसके अलावा सुधा,, कोशी एवं अन्य डेयरी द्वारा 80 लाख का दही बिक्री किया है. इसी अनुपात में अमूल और आर्शीवाद का दूध व दही का कारोबार हुआ है. अगर आकलन किया जाए तो शहर के एक छोटे दुकानदार ने 6 सौ क्विंटल दूध दही की बिक्री की है. शहर के टैक्सी स्टैंड के समीप स्थित एक दुकान से कुल पच्चीस लोगों ने दिन भर में 50 किलो दही खरीदा. अगर देखा जाए तो शहर में दही बेचने वाली दुकानों की संख्या पांच सौ से अधिक है और अमूमन हर दुकान में मकर संक्रांति के बाजार की बेहतर बिक्री हुई है. इस साल सिर्फ दही ही नहीं, दूध की खपत भी बेशुमार हुई है. अकेले शहर के पूर्वी हिस्से में 12 हजार 600 लीटर दूध की खपत डेयरी फार्म की हुई जबकि लोकल दहियारों ने भी बड़े पैमाने पर दूध की आपूर्ति की. आपूर्ति और खपत का यह आंकड़ा और भाग सकता है क्योंकि इसमें होटलों की बिक्री का आंकड़ा शामिल नहीं है. जानकारों की मानें तो साल की तुलना में इस साल दूध और दही की खपत में 25 फीसदी इजाफा हुआ है.
शहर में घर-घर हुआ चूड़ा दही-खिचड़ी का भोज
ठंड मौसम के बावजूद शहर में घर-घर चूड़ा दही का भोज हुआ. वैसे, ठंड इस बार नहीं के बराबर थी बहुत थी जिससे पर्व का उत्साह काफी बढ़ गया. कई लोगों ने दही अपने घर पर जमाया था तो कई लोगों ने सुधा एवं अन्य डेयरी फार्मों के दही का लुत्फ उठाया. मकर संक्रांति पर मेहमान बन कर रिश्तेदारो के यहां पहुंचे लोगों ने भी चूड़ा दही का जमकर भोग लगाया. शहरवासियों ने घरों में इसकी पूरी व्यवस्था कर रखी थी. कई लोगों ने अपने इष्ट मित्रों को भी बुलाया था. पड़ोसियों के यहां जाने और उन्हें अपने यहां बुलाने का भी रिवाज इस मौके पर है. चूंकि मकर संक्रांति पर खिचड़ी का विशेष महत्व है इसलिए कई स्थानों पर चूड़ा दही के साथ खिचड़ी की भी जमकर खिंचाई की गई.श्रद्धालुओं ने सौरा में लगायी आस्था की डुबकी
पूर्णिया. ठंड और कनकनी के बावजूद श्रद्धालुओ ने मंगलवार को पूर्णिया सिटी स्थित सौरा नदी में आस्था की डुबकी लगाई. अहले सुबह से ही नदी के तट पर श्रद्धालु उमड़ने लगे. किसी के कंधे पर छोटा बच्चा तो किसी के हाथ में झोला. झोले में कपड़े के साथ साथ पूजन सामग्री. मकर संक्रांति के अवसर पर शहर के विभिन्न मोहल्लों के लोग पूर्णिया सिटी के सौरा तट पर जुटे और आस्था के स्नान के बाद चावल व तिल से लेकर पैसे तक का दान किया. फिर इसके बाद शुरू हुआ दही-चूड़ा का भोजन. साथ में लाई,तिलकुट और आलू मटर का दम . नदी में नहाने के बाद अलाव तापने की रश्म भी पूरी की गई. कई लोगों ने घाट के किनारे लकड़ी जला रखी थी और बूढे लोग स्नान के बाद अलाव के पास खड़े होकर ठंड से लड़ने की कोशिश कर रहे थे पर उनका उत्साह कम नहीं था.———————–फोटो- 14 पूर्णिया 1- पूर्णिया सिटी सौरा नदी में डुबकी लगाते श्रद्धालु
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