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निजी स्कूलों में सप्ताह में अब तीन दिन चलेगी प्रैक्टिकल क्लास

शहर के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को विज्ञान विषय की थ्योरी क्लास के साथ ही प्रैक्टिकल क्लास के समय को भी बढ़ाया जायेगा

संवाददाता, पटना शहर के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को विज्ञान विषय की थ्योरी क्लास के साथ ही प्रैक्टिकल क्लास के समय को भी बढ़ाया जायेगा. नये सत्र से कक्षा आठवीं से 12वीं के विद्यार्थियों की सप्ताह में कम से कम तीन दिन प्रैक्टिकल क्लास संचालित की जायेगी. यह निर्णय नयी शिक्षा नीति के तहत बच्चों को पाठ्यक्रम में दिये गये टॉपिक को बेहतर ढंग से समझने के लिए लिया गया है. नये सत्र 2025-26 से कक्षा आठवीं से 12वीं के प्रत्येक क्लास के बच्चों की सप्ताह में कम से कम तीन दिन प्रैक्टिकल क्लास संचालित की जायेगी. प्रैक्टिकल क्लास में विद्यार्थियों को विज्ञान विषय के पाठ्यक्रम के वैसे टॉपिक जिसे लैब में ही प्रैक्टिकल किया जा सकता है, उसे प्रैक्टिकल कराना अनिवार्य होगा. इसके साथ ही जिन विद्यार्थियों को क्लास में पढ़ाई गयी टॉपिक को समझने या फिर उसकी प्रैक्टिकल क्लास लेनी होगी वे प्रैक्टिकल क्लास के अलावा भी खाली समय में लैब के शिक्षक से संपर्क कर प्रैक्टिकल क्लास कर सकते हैं. सीबीएसइ के सिटी कोऑडिनेटर एसी झा ने बताया कि स्कूलों में पहले ही सभी क्लास के विद्यार्थियों की सप्ताह में कम से कम दो प्रैक्टिकल क्लास आयोजित करायी जाती है. लेकिन नये सत्र से कक्षा आठवीं से 12वीं के विद्यार्थियों की प्रैक्टिकल क्लास सप्ताह में कम से कम तीन कराना अनिवार्य होगा. वहीं संत डोमेनिक हाइ स्कूल के डायेरेक्टर ग्लेन गॉल्सटन ने बताया कि नयी शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों के थ्योरी के साथ ही प्रैक्टिकल क्लास को बढ़ावा देने की बात कही गयी है. इसी को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों की प्रैक्टिकल क्लास के समय को बढ़ाया गया ताकि वे पाठ्यक्रम से जुड़े विभिन्न टॉपिक की प्रैक्टिकल क्लास कर सकें. पाठ्यक्रम को फ्लेक्सिबल बनाने की है कोशिश नयी शिक्षा नीति के तहत शिक्षा प्रणाली को लचीलापन लाने की कोशिश की जा रही है. इसी के तहत विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल क्लास के समय में बढ़ोतरी की जायेगी. सीबीएसइ के सिटी कोऑर्डिनेटर एसी झा ने बताया कि प्रैक्टिकल की बेहतर समझ विकसित होने से विद्यार्थियों की पाठ्यक्रम में दिये गये टॉपिक पर बेहतर पकड़ होगी. उन्होंने कहा कि 12वीं की बाद आयोजित होने वाली विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा में विद्यार्थियों को लाभ होगा और एमसीक्यू सवालों को हल करने में आसानी होगी.

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