राजगीर.
वैदिक मंत्रोच्चारण और शंखनाद के साथ राजगीर के सात दिवसीय राजकीय मकर मेला का अगाज मंगलवार को हुआ. मेला के पहले दिन यहां के गर्मजल के झरनों और कुंडों में करीब 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं द्वारा स्नान किया गया है. मेला का विधिवत उद्घाटन ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार और सांसद कौशलेंद्र कुमार द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया. इस अवसर पर श्रवण कुमार ने कहा कि राजगीर सभी धर्म के आस्था और अध्यात्म की भूमि है. यहां आदि – अनादि काल से मकर संक्रांति के मौके पर मेला का आयोजन किया जाता रहा है. मकर मेला के पौराणिक और धार्मिक इतिहास की चर्चा करते हुए उन्होंने इसके दायरा को और बढ़ाने पर जोर दिया है. मकर मेला को केवल राजगीर तक सीमित नहीं रखना चाहिए. इसे अनुमंडल सहित पूरे नालंदा जिले और इसकी सीमा से सटे नवादा और गया जिले के प्रखण्डों को भी इसमें शामिल करने की सलाह दी है. मंत्री ने कहा कि हर साल केवल राजगीर में चार महोत्सव कहा आयोजन किया जाता है. इनमें राजगीर महोत्सव, जरासंध महोत्सव, गोपाष्टमी महोत्सव और दोगी महोत्सव शामिल है. मकर मेला को केवल राजगीर शहर तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि इसे राजगीर अनुमंडल सहित पूरे जिला और बगल के नवादा और गया जिले के प्रखंडों को भी जोड़ना उचित प्रतीत होता है. उन्होंने कहा कि मकर मेला के लिए गठित कमेटियों में भी राजगीर के बाहर के लोगों को शामिल करना चाहिए, ताकि मेले की भव्यता में निखार हो सके. पुरानी सभ्यता और संस्कृति के अनुरूप मकर मेला की व्यवस्था पर जोर देते हुए मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि राजगीर की धरती में अद्भुत आकर्षण है. यहां के इतिहास, संस्कृति और परंपरा की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि राजगीर, नालंदा, पावापुरी, गया, सासाराम, सासाराम, कैमूर, वैशाली, विक्रमशिला की विरासत अद्भुत है. इसे देखने और इसके इतिहास को जानने के लिए देश-विदेश से लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. यही कारण है कि गोवा से अधिक पर्यटक बिहार आते हैं. यहां के आकर्षण, विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए दुनिया के लोग आते हैं. मंत्री ने यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को बनाए रखने में स्थानीय लोगों को भी सहयोग करनी चाहिए. उन्होंने कहा हर तीन साल पर राजगीर में मलमास मेला का आयोजन होता है. उसे मेले में 33 कोटि देवी देवता पधारते हैं. राजगीर को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है. सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि बिहार की तरक्की के लिए मुख्यमंत्री द्वारा अनेकों कार्यक्रम किए जा रहे हैं. राज्य में सभी बेघर वालों को सरकार पक्का मकान देगी। वैसे लोगों का सर्वेक्षण मार्च तक पूरा कर लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि बिहार की बराबरी देश का कोई दूसरा राज्य नहीं कर सकता है. सांसद कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि 25 साल पहले इस मकर मेले से जिला जेवार और गांवों के लोग बड़ी संख्या में जुटते थे. लाखों लोग मकर स्नान के लिए आते थे. लेकिन अब नहीं आते हैं. इसका कारण मकर मेला का जितना प्रचार प्रसार होना चाहिए, उतना नहीं हो रहा है. चिंतन व्यक्त करते हुए उन्होंने मंथन करने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि हर साल जहां लाखों की भीड़ जुटती थी. वहां साल दर साल भीड़ तेजी से कम होती जा रही है. यह चिंता का विषय है. स्थानीय लोगों को भी प्रचार प्रसार में सहयोग करने का सुझाव देते हुए उन्होंने कहा कि मेला के आयोजकों द्वारा इसका व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा, तब मकर मेला की पुरानी गौरव लौट सकती है. उन्होंने कहा राजगीर के इतिहास, विरासत, पर्यावरण और प्राकृतिक सौंदर्य को अक्षुण्ण रखने और आगे बढ़ाने के लिए सबों को कम से कदम मिलाकर चलने की आवश्यकता है. मौके पर समारोह को संबोधित करते हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व विधायक ई. सुनील कुमार ने कहा कि इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य राजगीर की सांस्कृतिक धरोहर को विश्व स्तर पर पहचान दिलाना है. इस मेले का आयोजन मकर संक्रांति के मौके पर किया जाता है, जो हिंदू धर्म में एक पवित्र पर्व है. बदलते परिवेश के साथ इस महोत्सव की लोकप्रियता भी बढ़ती जा रही है. इस अवसर पर पूर्व विधायक एवं जदयू के राष्ट्रीय महासचिव इ-सुनील कुमार, पूर्व एमएलसी राजू यादव, नगर परिषद की मुख्य पार्षद जीरो देवी, उपमुख्य पार्षद मुन्नी देवी, उप विकास आयुक्त श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर, अपर समाहर्ता मंजीत कुमार, सहायक समाहर्ता तुषार कुमार, एसडीओ कुमार ओमकेश्वर, डीएसपी सुनील कुमार सिंह, डीसीएलआर उपेंद्र सिंह, वार्ड पार्षद डॉ अनिल कुमार, अनीता गहलौत, वीरेंद्र कुमार सिंह, सुधीर कुमार उपाध्याय, गोलू यादव सहित अनेक प्रमुख लोग उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है