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आवास योजना की राशि से मैनेजर ने की ऋण की वसूली, प्राथमिकी के आदेश बाद बैंक ने लाभुक को लौटाया

आवास योजना की राशि से मैनेजर ने की ऋण की वसूली, प्राथमिकी के आदेश बाद बैंक ने लाभुक को लौटाया

खगड़िया. प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि से बैंक ने ऋण की वसूली कर ली थी. लोक शिकायत एडीएम द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिये जाने के बाद बैंक ने लाभुक को आवास योजना की राशि लौटा दिया. बताया जाता है कि लोक शिकायत अधिकार अधिनियम के सहारे रामपुर की अमीना खातून को अधिकार मिल गया. लोक शिकायत एडीएम के सख्त आदेश ( प्राथमिकी एवं विभागीय कार्रवाई) के बाद पीएम आवास योजना की राशि के लिए कई महीनों से बीडीओ सहित बैंक शाखा का चक्कर लगा रही लाभुक के खाते पर 40 हजार रुपये बैंक द्वारा भेज दिया गया. अब लाभुक वर्षों के अधूरे सपने (आवास का निर्माण) साकार कर सकेंगे. बता दें कि गोगरी प्रखंड के रामपुर निवासी अमीना खातून को वर्षों इंतजार के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना की स्वीकृति बाद प्रखंड कार्यालय से आवास निर्माण के लिए साल 2022 में योजना की प्रथम किस्त की राशि जारी हुई थी. लेकिन प्रखंड के बाबुओं की लापरवाही के कारण दो साल साल तक यह राशि लाभुक को नहीं मिल पाई. महीनों तक ये प्रखंड कार्यालय एवं बैंक शाखा का चक्कर लगाती रही. इधर लोक शिकायत एडीएम विमल कुमार सिंह द्वारा इस मामले में मैनेजर के विरुद्ध दिये गए प्राथमिकी दर्ज कराने सहित विभागीय कार्रवाई शुरू करने के आदेश बाद बैंक ने बिना देरी किये उक्त लाभुक के खाते पर राशि वापस कर दी.

दूसरे व्यक्ति के खाते पर भेजी गई राशि, बैंक ने कर ली ऋण की वसूली

जानकारी के मुताबिक 24 अप्रैल 2022 को गोगरी प्रखंड कार्यालय से रामपुर की अमीना खातून के नाम पीएम आवास योजना की पहली किस्त की राशि यानि 40 हजार रुपये इनके खाते पर ट्रांसफर किये गए थे. लेकिन बाबुओं की लापरवाही के कारण यह राशि लाभुक के बैंक खाते ( कैनरा बैंक) की जगह इनके पड़ोसी मोसीना खातून के यूबीआई गोगरी जमालपुर खाता पर पहुंच गया. बताया जाता है कि मोसीना खातून पर बैंक का पूर्व से कर्ज था. इनके खाते पर पीएम आवास की राशि पहुंचते ही बैंक ने विभागीय आदेश की परवाह किये बिना पीएम आवास की राशि को ऋण की राशि में सेटलमेंट कर लिया.

कई महीने बाद लाभुक को मिली जानकारी

पीएम आवास योजना की राशि जारी होने के कई महीने बाद तक लाभुक अमीना खातून इस बात से अंजान बनी रही. उन्हें जानकारी तब मिली जब इनपर आवास बनाने का दबाव पड़ा. उन्होंने आवास सहायक को बताया कि उन्हें राशि मिली ही नहीं तो घर कैसे बनाएंगे. जब राशि की खोज-खबर/ जांच-पड़ताल हुई तो यह बातें निकल कर आई कि बाबुओं की गलती की वजह से आवास योजना की राशि लाभुक के पड़ोसी के बैंक खाते पर चली गयी. जिसके बाद बैंक ने इस राशि से बकाया ऋण की वसूली कर ली.

बीडीओ करते रहे पत्राचार, मैनेजर राशि लौटाने से कर दिया था इंकार

पीएम आवास योजना की राशि के लिए लाभुक बैंक शाखा तथा प्रखंड कार्यालय का महीनों तक चक्कर लगाती रही. लेकिन इनके खाते पर योजना की राशि नहीं भेजी गयी. इस मामले में मुक्कमल कार्रवाई जगह गोगरी बीडीओ जहां बैंक मैनेजर के साथ पत्राचार का खेल खेलते रहे. वहीं शाखा प्रबंधक भी बैंक नियम का हवाला देते हुए राशि वापस नहीं करने की जिद पर अड़े रहे.

प्राथमिकी दर्ज कराने के आदेश के बाद लाभुक की लौटाई राशि

जानकारी में मुताबिक बीडीओ से न्याय नहीं मिलने तथा बैंक द्वारा राशि वापस नहीं करने से परेशान लाभुक ने जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय का दरवाजा खटखटाया. पूरी जानकारी लोक शिकायत एडीएम विमल कुमार सिंह को देते हुए इन्होंने आवास योजना की राशि दिलवाने की गुहार लगायी. बताया जाता है कि दायर परिवाद के आलोक में सुनवाई शुरु करते हुए लोक शिकायत एडीएम ने बीडीओ तथा शाखा प्रबंधक को नोटिस जारी कर रिपोर्ट के साथ तलब किया. बता दें कि यहां इनकी कोई बहानेबाजी नहीं चली. राशि वापस करने की दिशा में ठोस कार्रवाई नहीं किये जाने के कारण प्रखंड के बाबुओं की क्लास लगाने के साथ- साथ लोक शिकायत एडीएम विमल कुमार सिंह ने बैंक प्रबंधन पर भी राशि लौटाने का दबाव बनाया. लोक शिकायत एडीएम ने जारी आदेश में कहा है कि पीएम आवास योजना अथवा सरकार के कल्याणकारी योजनाओं की राशि को पुराने ऋण के वसूली के लिए समायोजित करना बिल्कुल ही अनुचित एवं अवैधानिक तथा बीडीओ द्वारा पत्राचार किये जाने के बावजूद बैंक प्रबंधक का उदासीन रहना आपराधिक लापरवाही है. बता दें कि बैंक प्रबंधक को 15 दिनों की मोहलत देते हुए लोक शिकायत एडीएम ने पीएम आवास योजना की राशि वापस लौटाने के आदेश दिये थे. राशि नहीं लौटाने की स्थिति में बीडीओ को तत्कालीन मैनेजर पर प्राथमिकी दर्ज करने पर विचार करने को कहा था. इधर गोगरी प्रखंड के आवास पर्यवेक्षक अभिषेक कुमार ने बताया कि लाभुक के खाते पर बैंक द्वारा राशि ट्रांसफर कर दी गई है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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