धनबाद.
कोयलांचल में मंगलवार को मकर संक्रांति और पोंगल का त्योहार धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर सुबह श्रद्धालुओं ने नदी- तालाबों के अलावा घरों में पुण्य स्नान कर भगवान भास्कर का आह्वान किया. वहीं दान-पुण्य कर सुख-समृद्धि की कामना की. मकर संक्रांति के दिन जल में तिल डाल कर नहाने का महत्व है. कहा जाता है आज के दिन जल में तिल डालकर नहाना चाहिए. अग्नि में तिल डालकर तापना चाहिए और तिल का सेवन करना चाहिए. लोगों ने पूजा-अर्चना के बाद दही-चूड़ा, तिलकुट, तिल की लाई आदि का लुत्फ उठाया. आज से सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश कर गये हैं. मकर संक्रांति पर्व पर स्नान ध्यान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है. इस दिन दान करने से ग्रह दोष समाप्त होते हैं. वहीं सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही खरमास समाप्त हो गया. आज से सभी मांगलिक व शुभ कार्य शुरू हो गये.खूब हुई पतंगबाजी
मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने की परंपरा है. बच्चों से लेकर बड़ों तक ने आज खूब पतंगबाजी की. इसमें महिलाओं ने भी भाग लिया. लोगों ने जमकर पेंच लड़ाये. दिन भर रंग-बिरंगें पतंगों से आसमान पटा रहा.अयप्पा मंदिर जगजीवन नगर में हुई आराधना
अयप्पा मंदिर जगजीवन नगर में संक्रांति का त्योहार मनाया गया. इस अवसर पर कोयलांचल में बसे केरल के परिवाराें ने अयप्पा स्वामी की पूजा अर्चना की. उनकी विशेष आरती, अभिषेकम व हवन किया गया. पारंपरिक व्यंजन चावल, सांभर, इंजीकरी, पचरी, अवियल, आचार, पायस का भोग अयप्पा स्वामी को अर्पित किया गया. शाम को मंदिर की सीढ़ियों पर कपूर जलाकर दिवा आरती की गयी. कार्यक्रम को लेकर अयप्पा मंदिर कमेटी केसदस्य सक्रिय रहे.बालाजी मंदिर में बांटी गयी पोंगल की खुशियां
बालाजी टेंपल कमेटी जगजीवन नगर में आंध्र प्रदेश के लोगों ने पोंगल मनाया. इस अवसर पर बालाजी की पूजा-अर्चना की गयी. लोगों ने नये चावल से बने व्यंजन का लुत्फ उठाया. महिलाओं ने अपने घरों में रंगोली बनायी. एक-दूसरे को कुमकुम लगाकर खुशियां बांटी. मौके पर मंदिर कमेटी के सदस्य उपस्थित थे. मंदिर के पुजारी फणी कुमार ने बालाजी की पूजा अर्चना की. शाम को महाआरती में भक्तगण शामिल हुए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है