95 बेटियों के सामूहिक विवाह के लिए कार्यक्रम स्थल गोल्फ ग्राउंड में बना मंच सज धज कर तैयार हैं. मंडप भी बन गये हैं. समिति के सदस्यगण विवाह में कोई कसर न रह जायें, इसके लिए लगे हुए हैं. इस बार सर्व धर्म सामूहिक विवाह समिति का 11वां आयोजन है. इसमें इसमें 88 हिंदू जोड़ा, छह ईसाई व एक मुस्लिम जोड़ा का विवाह होगा. 2014 से शुरू आयोजन में अब तक 994 जोड़ों का विवाह हो चुका है. परिणय सूत्र में बंधनेवाले दूल्हा, दुल्हन उनके परिजन सभी उत्साहित हैं. एक साथ टोटो से निकलनेवाली बारात शहर के लिए यादगार बन जाती है. बाराती के साथ सराती भी नाचते-गाते चलते हैं. शहर भ्रमण के बाद लौटने पर उनका समिति द्वारा स्वागत किया जाता है. 15 जनवरी को होने वाले सामूहिक विवाह के लिए सारी तैयारी हो चुकी है. इस शादी में जोड़ों को आशीष देने के लिए आप आ रहे हैं न.
वैवाहिक कार्यक्रम
: सुबह नौ बजे दुल्हन को हल्दी लगाने के साथ चूमावन किया जायेगा. ब्यूटिशियन द्वारा उन्हें सजाया जायेगा. साढ़े 10 बजे बारात निकाली जायेगी. 123 बजे जयमाला होगी. दो से चार बजे के बीच विवाह होगा. शाम पांच बजे से बेटियों को विदाई दी जायेगीदिया जायेगा गृहस्थी बसाने का सामान :
जोड़ों को विवाह के बाद गृहस्थी बसाने का सामान दिया जाता है. फोल्डिंग, गद्दे, बेडसीट, कपड़े, बर्तन, शृंगार सामग्री, ट्रंक व अन्य सामग्री शामिल है. बेटियों को आशीर्वाद स्वरूप कई सहयोगी संस्था भी आशीष स्वरूप उपहार देती हैं. विवाह के बाद भी बेटियों की कुशलता की जानकारी समिति द्वारा ली जाती है.खोइछा भरने के बाद होगी विदाई :
समिति की महिला विंग द्वारा सभी बेटियों का खोइछा भरा जाता है. खोइछा में चावल, जीरा, मिठाई, द्रूवा, हल्दी, पैसा डाला जाता है. पालकी में बिठा कर उन्हें पिया के घर के लिए रवाना किया जाता है. छलकती आंखों से जोड़ों को विदाई दी जाती है.खुशियों भरा रहे बेटियों का दांपत्य
हमारी महिला विंग 2017 से सामूहिक विवाह में हर रस्म पूरी कर रही है. जब बेटियां कहती हैं सोचा भी नहीं था इतना भव्य आयोजन कर हमारी शादी होगी, मेहंदी की रस्म होगी. हमें बहुत खुशी मिलती है.जया सिंह
इस बार हम एक बेटी का कन्यादान करनेवाले हैं. अभी से उत्साहित हैं. बेटियों की शादी की तैयारी हम ऐसे करते हैं, जैसे हमारे घर में शादी हो. विदाई देते सबकी आंखें भर उठती हैं.पिंकी सिंह
बेटियों के विवाह में शामिल होकर उनके हर रस्म को पूरा कर बहुत आनंदित होती हूं. सच में बेटियों को जब मंच पर देखती से हूं, मन में सुकून मिलता है. खोइछा भरकर उन्हें विदा करना सच में आनंददायक लगता है.बिंदी पाठक
बेटियां जब अपने पिया संग खुशी-खुशी अपने नये संसार के लिए विदा होती हैं. दिल से बस यही दुआ निकलती है, हमेशा ऐसे ही खुश रहें. हल्दी, मेहंदी की रस्म तो होती ही है. लेडीज संगीत पर धमाल मचता है.सुनीता सिंह
लेडीज संगीत में दुल्हनों संग महिला विंग की सदस्यों ने मचाया धमाल :
सर्व धर्म सामूहिक विवाह समिति द्वारा कराये जा रहे सामूहिक को लेकर कार्यक्रम स्थल गोल्फ ग्राउंड में विवाह की पूर्व संध्या पर मेहंदी व लेडीज संगीत कार्यक्रम हुआ. समिति की महिला विंग की ओर से आयोजित लेडीज संगीत में सदस्यों संग दुल्हन, उनकी परिजनों द्वारा जमकर धमाल मचाया गया. मेहंदी है रचनेवाली, हाथों में गहरी लाली…, मेहंदी लगा के रखना डोली सजा के रखना…, मेहंदी से लिख सखी हाथ पे मेरे तू मेरे बलमा का नाम बजते गीत पर डीजे पर हर कदम थिरक उठे. मौके पर जया सिंह, पिंकी सिंह, सुनीता सिंह, बिंदी पाठक, संगीता, पुष्पा, अर्चना, बबीता, अपराजिता, रूबी, रीमा, पूनम, प्रिया अनु, सरिता, मीनू, बिन्नी, निक्की, दीपाली, भारती एवं अन्य सदस्यगण उपस्थित थीं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है