कोलकाता. मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज की घटना में जूनियर डॉक्टरों पर निशाना साधा जा रहा है. इस घटना को चिकित्सकीय लापरवाही से जोड़ कर दिखाया जा रहा है, जो निंदनीय है. ये बातें वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर फ्रंट के सदस्य डॉ देवाशीष हल्दार ने कहीं. फ्रंट की ओर से एसएसकेएम (पीजी) में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में डॉ हल्दार ने बताया कि रिंगर्स लैक्टेट सलाइन की गुणवत्ता को लेकर कई बार प्रशासन से शिकायत की गयी, पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. कर्नाटक में उक्त कंपनी के सलाइन पर बैन है. इसके बाद भी बंगाल में इसके इस्तेमाल पर क्यों रोक नहीं लगायी गयी? उन्होंने कहा कि रिंगर्स लैक्टेट पर अब प्रतिबंध लगाया गया है. पर इसके बदले में किस कंपनी के सलाइन का इस्तेमाल किया जायेगा, यह नहीं बताया गया.
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