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Passport Seva Kendra : पासपोर्ट सेवाओं को आमलोगों की पहुंच में लाने और उसे सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार ने देशभर में 543 पासपोर्ट सेवा केंद्र खोलने की योजना बनाई है. यह केंद्र हर संसदीय क्षेत्र में स्थापित किए जाएंगे हैं. इन केंद्रों का उद्देश्य शहरी और ग्रामीण दोनों आबादी को पासपोर्ट सेवा सहजता से उपलब्ध कराना है.इन केंद्रों पर पासपोर्ट आवेदन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के तमाम सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं, जिनमें बायोमेट्रिक सत्यापन से लेकर तमाम कागजात जमा कराने की सुविधा भी दी गई है.
क्या है पासपोर्ट सेवा केंद्र
पासपोर्ट सेवा केंद्र,भारत सरकार के पासपोर्ट ऑफिस की शाखाएं हैं. देश के टियर 1 और टियर 2 शहरों में ये केंद्र अपनी सेवाएं दे रहे हैं. जिन लोगों को पासपोर्ट की आवश्यकता होती है वे अविलंब अपने शहर में स्थित इन पासपोर्ट सेवा केंद्र पर जाकर पासपोर्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं. चूंकि इन केंद्रों के जरिए ऑनलाइन आवेदन होता है, इसलिए आम आदमी को बहुत सुविधा होती है और उन्हें किसी भी तरह के दलालों के चक्कर में नहीं पड़ना पड़ता है और उनका पासपोर्ट बन जाता है. साथ ही एक व्यक्ति की सूचनाएं भी गुप्त रहती हैं.
कब हुई थी पासपोर्ट सेवा केंद्र की शुरुआत
पासपोर्ट सेवा केंद्र की शुरुआत 2010 में यूपीए सरकार के वक्त हुई थी. यह विदेश मंत्रालय की योजना है और इसका उद्देश्य शिक्षा, पर्यटन, बिजनेस, चिकित्सा निजी भ्रमण जिसमें परिजनों और दोस्तों से मिलना भी शामिल है, के लिए विदेश आने-जाने वाले लोगों को सहजता से पासपोर्ट उपलब्ध कराना है. आर्थिक उदारीकरण की नीतियों के बाद से पासपोर्ट की डिमांड काफी बढ़ गई है, क्योंकि लोग विदेश आते-जाते रहते हैं. 2010 से पहले पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया बहुत जटिल थी और पासपोर्ट ऑफिस की सीमित संख्या की वजह से इसमें समय भी काफी खर्च होता था. लेकिन पासपोर्ट सेवा केंद्र की स्थापना के बाद प्रक्रिया सरल और पारदर्शी हो गई है. इस योजना के तहत पासपोर्ट से संबंधित अधिकारियों, राज्य पुलिस और डाक सेवा को भी एक नेटवर्क के तहत जोड़ दिया गया है, जिसकी वजह से प्रक्रिया बहुत सहज हो गई है.
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कैसे काम करता है पासपोर्ट सेवा केंद्र?
- एक व्यक्ति का पासपोर्ट बनवाने में पासपोर्ट सेवा केंद्र अहम भूमिका निभाता है. वह निम्नलिखित कार्यों को करता है-
- पासपोर्ट सेवा केंद्र उन आवेदनों को स्वीकार करता है, जिसमें पासपोर्ट बनाने की गुजारिश की जाती है.
- पासपोर्ट सेवा केंद्र आवेदनों का वेरिफिकेशन करता है.
- वेरिफिकेशन के बाद योग्य आवेदकों को पासपोर्ट जारी किया जाता है. यह केंद्र पासपोर्ट दोबारा भी जारी करता है.
- कागजात के वेरिफिकेशन के बाद उसे पुलिस वेरिफिकेशन के लिए भेजा जाता है.
- पुलिस वेरिफिकेशन के बाद पासपोर्ट प्रिंट करना और उसकी डिलीवरी करना
कैसे किया जाता है पासपोर्ट अप्लाई, कितनी है फीस
पासपोर्ट बनवाने के लिए उसे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से आवेदन किया जा सकता है. पासपोर्ट को तत्काल और सामान्य दोनों ही कैटेगरी में अप्लाई किया जा सकता है.सीएससी सेंटर के जरिए भी पासपोर्ट के लिए आवेदन किया जाता है. उसके बाद एक निर्धारित तिथि को आवेदक को सेवा केंद्र बुलाकर उनसे बातचीत की जाती है और कागजात का वेरिफिकेशन किया जाता है. 1500 रुपए का शुल्क लिया जाता है, 72 पेज के पासपोर्ट के लिए 2000 रुपए का शुल्क लिया जाता है. वरिष्ठ नागरिकों को शुल्क में 150 रुपए की छूट दी जाती है.
क्या है पासपोर्ट सेवा केंद्र का उद्देश्य
सरकार ने आवश्यक सेवाओं को सबके लिए सहज उपलब्ध बनाने के लिए इस योजना की शुरुआत की है. साथ ही यह कोशिश भी है कि इन योजनाओं का लाभ लेने में कम से कम समय खर्च हो. यही वजह है कि ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक करने की सुविधा दी गई है. इस सुविधा की वजह से आवेदक आसानी से अपने समय पर कार्यालय पहुंच कर अपनी जरूरत बता सकता है और दस्तावेजों का वेरिफिकेश भी करा सकता है. सरकार यह प्रयास कर रही है कि देश के प्रत्येक व्यक्ति को पासपोर्ट सुविधाओं तक आसान पहुंच मिले. गांव के लोगों को बार–बार पासपोर्ट के लिए शहर तक आने की परेशानी ना उठानी पड़े. यह विदेश मंत्रालय की ई–गवर्नेंस की दिशा में आवश्यक पहल है.
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पासपोर्ट सेवा केंद्र किसे कहते हैं?
पासपोर्ट ऑफिस के ब्रांच या शाखाओं को पासपोर्ट सेवा केंद्र कहा जाता है.
पासपोर्ट सेवा केंद्र जब आवेदक को बुलाता है तो उससे क्या पूछा जाता है?
पासपोर्ट सेवा केंद्र जब आवेदक को बुलाता है तो उससे कुछ जरूरी सवाल पूछे जाते हैं, मसलन वे विदेश क्यों जा रहे हैं और उनके दस्तावेजों का वेरिफिकेशन होता है.