Mahakumbh 2025: प्रयागराज उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक और धार्मिक शहर है, जो अपने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. यह गंगा, यमुना तथा गुप्त सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित है. संगम स्थल को त्रिवेणी नदी कहा जाता है और यह हिंदुओं के लिए विशेष पवित्र स्थल है. यह आर्टिकल उन लोगों के लिए काफी काम की होने वाली है जो इस साल महाकुंभ में शामिल होने के लिए प्रयागराज जा रहे हैं. आज हम आपको प्रयागराज के उन प्रमुख घूमने की जगहें के बारे में बताएंगे जिन्हें आपको जरूर देखना चाहिए.
त्रिवेणी संगम
यह वह स्थान है जहां गंगा, यमुन और सरस्वती नदियां मिलती हैं.यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है और यहां स्नान करने का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि यहां स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति मिलती है. त्रिवेणी संगम, ऐतिहासिक कुंभ मेले का स्थल है जो हर 12 साल में आयोजित होता है.
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प्रयागराज किला (इलाहाबाद किला)
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर में स्थित एक ऐतिहासिक किला है, जो मुग़ल सम्राट अकबर द्वारा 1583 में बनवाया गया था. यह किला प्रयागराज शहर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है.
प्रयागराज मेला (कुम्भ मेला)
अगर आप जा रहे है प्रयागराज, तो यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है. यहां लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान करने आते हैं. यह मेला हर 12 साल में आयोजित होता है. तो इस मेले पर जाना न भूले.
लेटे हनुमान मंदिर, प्रयागराज
यह सम्पूर्ण भारत का एकमात्र मंदिर है, जिसमें हनुमान जी की प्रतिमा लेटी हुई मुद्रा में हैं. यह प्रतिमा लगभग 20 फीट लंबी है. कहा जाता है कि, जब भगवान राम अपने विजय के बाद अयोध्या लौट रहे थे, तब उन्होंने संगम तट पर विश्राम किया था. इस दौरान हनुमान जी भी उनके साथ थे जो थकान के कारण यहां लेट गए थे. तभी से उनकी यह प्रतिमा इसी अवस्था में स्थापित है. इनपुट: प्रिया गुप्ता
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