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BPSC Teacher: बिहार में यूपी की टीचर बदल रहीं पढ़ाई का माहौल, मेहनत और समर्पण से आ रहा सकारात्मक बदलाव

BPSC Teacher: गोपालगंज जिले के सदर प्रखंड के श्रीराम रतन शाही प्लस-टू विद्यालय में यूपी आई शिक्षिका बच्चों को नए और प्रभावी तरीके से पढ़ातीं हैं. रूबी अग्रहरि के आने से पढ़ाई के माहौल में बड़ा बदलाव आया है.

BPSC Teacher: बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (BPSC) द्वारा शिक्षकों की बहाली से गोपालगंज के सभी स्कूलों के शैक्षणिक माहौल में सकारात्मक बदलाव देखा जा रहा है. दूसरे राज्यों से आयी महिला शिक्षिकाओं के योगदान से छात्रों के बीच उत्साह बढ़ा है और पाठ्यक्रमों को रोचक तरीके से पढ़ाने के कारण स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति में भी वृद्धि हुई है और पढ़ाई का जज्बा जागृत हुआ है. गोपालगंज जिले के सदर प्रखंड के श्रीराम रतन शाही प्लस-टू विद्यालय में उत्तर प्रदेश से आयी बीपीएससी की एक ऐसी शिक्षिका हैं, जो बच्चों के भविष्य को संवारने में अहम भूमिका निभा रहीं है. उनकी मेहनत और समर्पण ने शैक्षणिक माहौल को बदलने में मदद की है. उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले की रहनेवाली रूबी अग्रहरि की बहाली बीपीएससी टीआरइ-02 परीक्षा के जरिये प्लस-टू विद्यालय में हुई थी.

प्रभावी तरीके से छात्रों को समझाती हैं रूबी अग्रहरि

रूबी अग्रहरि के पढ़ाने का तरीका न केवल छात्रों के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि वह पढ़ाई को रोचक और प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करती हैं. रूबी अग्रहरि, जो अब श्रीराम रतन शाही प्लस-टू विद्यालय में होम साइंस की शिक्षिका के रूप में पढ़ा रही हैं, बुधवार को छात्रों को विटामिन और पोषण के महत्व के बारे में ब्लैक बोर्ड पर सवालों के साथ पढ़ाती नजर आयीं. उनका यह तरीका न केवल छात्रों को विषय में रुचि बढ़ाने में मदद करता है, बल्कि उन्हें पूरी तन्मयता के साथ पाठ्यक्रम सीखने का उत्साह भी देता है. विद्यालय की छात्राएं रूबी मैम के पढ़ाने के तरीके की सराहना करती हैं और बताती हैं कि उनके शिक्षण से उनकी पढ़ाई में काफी सुधार आया है. स्कूल में बदलाव देख छात्रों के अभिभावक भी सराहना कर रहे हैं.

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शिक्षिका को मिठाई खिलातीं एक छात्रा की मां

दूसरे राज्य की महिलाओं का बढ़ा सम्मान

रूबी अग्रहरि ने कहा, नौकरी से पहले मैंने बिहार के बारे में काफी कुछ सुना था, लेकिन यहां आने के बाद मैंने पाया कि सब कुछ बिल्कुल विपरीत है. बच्चों, उनके अभिभावकों और स्कूल के शिक्षकों से मुझे बहुत समर्थन मिला है. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का धन्यवाद करते हुए कहा कि बिहार में महिलाओं को अब सम्मान मिला है और उनकी जैसी कई अन्य महिलाओं को दूसरे राज्यों से यहां आकर शिक्षिका के रूप में काम करने का मौका मिला है.

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पाठ्यक्रम को रोचक बनाकर पढ़ातीं हैं

रूबी की तरह कई अन्य महिला शिक्षिकाएं भी बिहार के विभिन्न विद्यालयों में बच्चों को शिक्षा दे रही हैं और उनके भविष्य को संवारने में अपना योगदान दे रही हैं. श्रीराम रतन शाही प्लस-टू स्कूल में पढ़नेवाली छात्राओं का कहना है कि रूबी मैम और अन्य शिक्षिकाओं के आने से उनकी पढ़ाई में बहुत मदद मिल रही है. वे न केवल पाठ्यक्रम को रोचक तरीके से पढ़ाती हैं, बल्कि होमवर्क देती हैं और एग्जाम की तैयारी में भी पूरी मदद करती हैं.

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क्लास में पढ़तीं प्लस-टू की छात्राएं

मुहल्ले के बच्चों को देती हैं नि:शुल्क शिक्षा

रूबी अग्रहरि न केवल स्कूल में बच्चों को पढ़ाती हैं, बल्कि वह अपने मुहल्ले में भी बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देती हैं. वह सरेया मुहल्ले में किराये के मकान में रहती हैं और स्कूल के बाद अपने आवास पर बच्चों को पढ़ाती हैं. उनके इस प्रयास से मुहल्ले के लोग बेहद खुश हैं और उनकी सराहना करते हैं.

शैक्षिक गुणवत्ता में आया सुधार : प्रधानाध्यापक

विद्यालय के प्रधानाध्यापक नरेंद्र मिश्रा का मानना है कि उत्तर प्रदेश से आयीं महिला शिक्षिकाओं के आने से शैक्षणिक माहौल में एक नया बदलाव आया है. अब बच्चे पूरी तन्मयता से क्लास अटेंड कर रहे हैं और उनकी उपस्थिति में लगातार वृद्धि हो रही है. उन्होंने कहा, यह बदलते बिहार की तस्वीर है, जहां शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार हो रहा है और छात्रों के बीच उत्साह बढ़ रहा है.

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