पूर्णिया. विगत वर्षों के समर कैंप की भांति इस वर्ष से किलकरी पूर्णिया में विंटर कैंप भी आरम्भ किया गया है. इसके अंतर्गत अब तक शास्त्रीय संगीत, पगड़ी मेकिंग, फोटोग्राफी, खेल -खिलौने, ग्रीटिंग कार्ड, माइम,तबला का कार्यशाला किया जा चुका है. 5 जनवरी से 12. जनवरी तक फेब्रिक पेंटिंग और लोक संगीत में क्रमशः अमित शील (फरीदाबाद), (अरविन्द कुमार यादव, भागलपुर) विशेषज्ञों द्वारा कार्यशाला किया गया.फेब्रिक पेंटिंग कार्यशाला में फ्रेम क़र कपडे पर पेंटिंग, विभिन्न प्रकार के कपड़ो पर विभिन्न डिजाइन, पिगमेंट कलर में दो प्रकार के बाएंडर का प्रयोग इत्यादि प्रारंभिक चीजें बतायी गयी.वहीं लोक संगीत कार्यशाला में अंगिका भाषा के टोन और उच्चारण के साथ ही होली और चैती लोक गीत का प्रशिक्षण दिया गया. अब तक के सभी कार्यशाला बहुत ही सार्थक और सफल रहा.15 जनवरी से 19 जनवरी तक बैम्बू आर्ट एवं क्रिएटिव डांस का प्रशिक्षण विशेषज्ञ क्रमशः सत्यम सुंदरम (पूर्णिया) एवं सागनिक गांगुली (कोलकाता) द्वारा दिया जा रहा है. इन कार्यशालाओं का मुख्य उद्देश्य है बच्चों के अंदर विशेष क्षमता का विकास करना, कला के विभिन्न शैलियों, भाषाओँ और विधाओं से परिचित और समझदारी में अभिवृद्धि है. विगत तीन वर्षों में किलकारी पूर्णिया का प्रदर्शन विभिन्न विधाओं में जिला ,राज्य और राष्ट्र स्तरीय प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन से अभिभावाकों के साथ ही पूर्णिया की अपेक्षाएं किलकारी से काफी बढ़ गयी है. इस अपेक्षा पर किलकारी खरा उतरे इसके लिए तमाम कोशिशें जारी है. फोटो. 15 पूर्णिया 5- कार्यशाला में भाग लेते बच्चे
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