MIT Muzaffarpur: बिहार स्टार्टअप योजना के तहत मुजफ्फरपुर जिले में 33 नए प्रोजेक्ट्स को स्वीकृति दी गई है. इस योजना का उद्देश्य युवा उद्यमियों को अपने स्टार्टअप्स को स्थापित करने के लिए आवश्यक संसाधन और मेंटरशिप प्रदान करना है. इसमें से 10 प्रोजेक्ट्स का एमओयू राज्य के प्रतिष्ठित एमआइटी इंक्यूबेशन सेल के साथ हो चुका है.
MIT छात्रों के प्रोजेक्ट्स को मिली अहम स्वीकृति
मुजफ्फरपुर स्थित MIT के छात्रों के दो प्रोजेक्ट्स का चयन बिहार स्टार्टअप योजना के तहत किया गया है. इन प्रोजेक्ट्स में एक को चार लाख रुपये की पहली किस्त मिल चुकी है. इन दोनों टीमों को स्टार्टअप को अंतिम रूप देने के लिए मेंटरशिप, नेटवर्किंग और संसाधन भी मुहैया कराए जा रहे हैं. इनमें से एक प्रोजेक्ट “ऑटोमेटिक ऑन-ऑफ मोटर स्विच” को पेटेंट भी मिल चुका है, और इसे हाजीपुर स्थित सीपेट में अंतिम रूप दिया जा रहा है.
जल आपूर्ति में बदलाव लाने वाला इनोवेशन
MIT के बायो मेडिकल रोबोटिक्स इंजीनियरिंग के छात्र विवेक कुमार और उनकी टीम ने “ऑटोमेटिक ऑन-ऑफ मोटर स्विच” प्रोजेक्ट विकसित किया है. यह स्विच पानी की टंकी भरते ही मोटर को स्वतः बंद कर देगा और जैसे ही पानी की टंकी खाली होगी, मोटर स्वचालित रूप से चालू हो जाएगा. इस प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार से 10 लाख रुपये की ग्रांट भी मिली है और इसका पेटेंट भी प्राप्त हो चुका है.
मजदूरों को रोजगार दिलाने की अभिनव पहल
MIT की छात्रा शिवानी कुमारी के नेतृत्व में एक और प्रोजेक्ट “जरूरत एप” का चयन स्टार्टअप योजना के तहत किया गया है. यह एप शहरी मजदूरों को काम दिलाने में मदद कर रहा है. फिलहाल, 500 से अधिक मजदूर एप पर रजिस्टर्ड हैं और रोजाना 300 से अधिक मजदूरों को रोजगार मिल रहा है.
नवीनता और उद्यमिता को बढ़ावा देने में मददगार
इस योजना के तहत मुजफ्फरपुर जिले के छात्रों और नव उद्यमियों को नई दिशा मिल रही है. यह न केवल रोजगार सृजन में मदद कर रहा है, बल्कि तकनीकी और सामाजिक नवाचारों के लिए भी एक मजबूत आधार तैयार कर रहा है.