गालूडीह. गालूडीह क्षेत्र के गांवों में टुसू पर्व के अगले दिन बुधवार को धूमधाम से आखान यात्रा मनाया गया. इस दिन किसान सुबह में अपने खेतों में हल जोतते हैं. इस दिन से शुभ कार्य की शुरुआत करने की परंपरा सदियों से रही है. आखान यात्रा मूल रूप से कुड़मी व आदिवासी समाज के लोग धूमधाम से मनाते हैं. समाज के लोग अपनी बेटी, बहन और अन्य रिश्तेदारों के गुड़ पीठा, मूढ़ी लेकर जाते हैं. नया घर बनाना हो या बेटा-बेटी के विवाह की बात शुरू करते हैं. किसान खेत में हल जोतते हैं, ताकि फसल अच्छी हो. बुधवार को बड़ाकुर्शी गांव के पिटीदिरी शिव मंदिर में भगवान शिव की पूजा के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. प्राचीन शिव मंदिर में भक्तों ने भोले बाबा की विशेष पूजा-अर्चना की. लाया (पुजारी) महेश्वर सिंह ने पूजा की. शिवजी का अभिषेक करने श्रद्धालु अहले सुबह से मंदिर पहुंचने लगे थे. यह सिलसिला शाम तक चलता रहा. भक्तों ने भोलेनाथ को बेलपत्र, धतूरा, अकौआ के फूल आदि अर्पित किया. महिला व पुरुष हर-हर महादेव व जय भोले शंकर का जयकारा लगाते रहे. इस दौरान श्रद्धालुओं के बीच खिचड़ी, खीर आदि वितरण किया गया. वहीं शाम को आदिवासी नृत्य, छऊ नृत्य आदि सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.
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