आइआइटी आइएसएम में गुरुवार को युवा संगम कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड के युवाओं का दल पहुंच रहा है. इस दल में 50 प्रतिभागी शामिल हैं. यह दल केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (युवा संगम) के तहत यहां पहुंच रहे हैं. यह पहल शिक्षा मंत्रालय के एक भारत श्रेष्ठ भारत मिशन का हिस्सा है. इसी के साथ उत्तराखंड के युवाओं के दल का गुरुवार से पांच दिवसीय दौरा भी शुरू हो रहा है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तराखंड के युवाओं को झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर, प्राकृतिक सौंदर्य और औद्योगिक महत्व से परिचित कराना है. इस दल में 25 पुरुष और 25 महिला प्रतिभागी शामिल हैं. इस समूह का नेतृत्व आइआइटी रुड़की के प्रो सुनील कृष्ण और चार समन्वयकों की टीम करेगी. इस दल का गुरुवार की शाम चार बजे आइआइटी आइएसएम के गोल्डन जुबली लेक्चर थिएटर में स्वागत किया जायेगा. इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रो सुकुमार मिश्रा, डीन (अकादमिक) प्रो एमके सिंह, डीन (छात्र कल्याण) एसके गुप्ता, और युवा संगम के झारखंड राज्य नोडल अधिकारी प्रो संजीव आनंद साहू उपस्थित रहेंगे.
दल का प्रमुख कार्यक्रम :
17-18 जनवरी को प्रतिभागी रांची का दौरा करेंगे. वे राज भवन, झारक्राफ्ट केंद्र, और पहाड़ी मंदिर सहित अन्य दर्शनीय स्थलों का भ्रमण करेंगे. 19 जनवरी को आइआइटी धनबाद में लौटकर प्रतिभागी औद्योगिक और सामाजिक पहलुओं की जानकारी प्राप्त करेंगे. वे लॉन्गवाल गैलरी का दौरा करेंगे और सामाजिक मिशन केंद्र (सीएसएम) के तहत गांवों में गतिविधियों में हिस्सा लेंगे. 20 जनवरी को धनबाद की प्रसिद्ध कोयला खदानों जैसे लोदना और मुनीडीह का दौरा करेंगे, जो बीसीसीएल द्वारा संचालित हैं. 21 जनवरी को अंतिम दिन, प्रतिभागी दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) की हाइड्रो पावर परियोजना का निरीक्षण करेंगे. इसके बाद कार्यक्रम का समापन आइआइटी आइएसएम में आयोजित वैलिडिक्टरी सत्र के साथ होगा. इससे पहले, 30 नवंबर से चार दिसंबर 2024 तक झारखंड के 43 युवाओं ने उत्तराखंड का दौरा किया था. आइआइटी आइएसएम और आइआइटी रुड़की अपने राज्यों में इस कार्यक्रम के को-ऑर्डिनेटिंग संस्थान हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है