Patna AIIMS: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज कराने आ रहे मरीजों के लिए अच्छी खबर है. अब यहां के इएनटी विभाग में बच्चे, किशोर और युवाओं के बाद अब बुजुर्गों का कॉक्लियर इंप्लांट की सुविधा शुरू करने की तैयारी है. ऐसे में अब यहां अधिक उम्र के सुनाई न देने की समस्या वाले मरीजों को इलाज के बाद राहत मिलेगी. संस्थान में ऐसे मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा. अधिक उम्र के मरीजों में कॉक्लियर इंप्लांट हो सकेगा.
सबसे अधिक पांच साल तक के बच्चों को लगा है इंप्लांट
इसकी तैयारी संस्थान प्रशासन की ओर से की जा रही है. वर्तमान में शहर के एनएमसीएच और आइजीआइएमएस में बुजुर्गों का भी कॉक्लियर ट्रांसप्लांट तकनीक से इलाज किया जा रहा है. पटना एम्स में वर्तमान में पांच साल से छोटे बच्चों में कॉक्लियर इंप्लांट प्रत्यारोपित किया जा रहा है. अब तक इएनटी विभाग में करीब पांच दर्जन से अधिक बच्चों का सफल कॉक्लियर इंप्लांट प्रत्यारोपित किया जा चुका है. प्रत्यारोपण के बाद बच्चों में सुनने व बोलने की क्षमता विकसित हुई है.
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सभी उम्र के मरीजों को मिलेगी कॉक्लियर इंप्लांट की सुविधा
इएनटी विभाग के डॉक्टरों के अनुसार कई लोगों को कान का संक्रमण, चोट लगने या अधिक उम्र आदि कारणों से सुनने की क्षमता चली जाती है. 30 से 40 प्रतिशत मरीजों को मशीन लगाने के बाद भी राहत नहीं मिलती है. इनके सामने इंप्लांट का ही विकल्प होता है. एनएमसीएच इएनटी विभाग के अध्यक्ष डॉ सत्येंद्र कुमार ने बताया कि यहां बच्चों के साथ-साथ सभी उम्र के मरीजों को कॉक्लियर इंप्लांट की सुविधा मुहैया करायी जा रही है.
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