Maha Kumbh 2025: महाकुंभ मेला 13 जनवरी से प्रारंभ हो चुका है. इस मेले में भाग लेने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु आ रहे हैं. महाकुंभ मेला 13 जनवरी से 25 फरवरी तक आयोजित होगा. जो लोग महाकुंभ में शामिल होने जा रहे हैं, उन्हें कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है. महाकुंभ एक आध्यात्मिक, स्नान, दान और पुण्य से संबंधित महोत्सव है. इसके लिए कुछ नियम निर्धारित हैं, जिनका पालन सभी को करना चाहिए. आइए जानते हैं कि महाकुंभ में भाग लेने वाले व्यक्तियों को किन कार्यों से बचना चाहिए.
महाकुंभ की पवित्रता को खंडित न करें
महाकुंभ में शामिल होना है या होने वाला है तो उसे विशेष ध्यान रखना चाहिए कि वह कोई भी ऐसा काम न करें, जिससे महाकुंभ की पवित्रता खंडित हो. महाकुंभ में लोग कुछ समय के लिए सही सांसारिक बंधनों से मुक्ति पाकर ईश्वर के सामिप्य का अनुभव प्राप्ति करते हैं.
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आत्म संयम और पवित्र मन का होना
महाकुंभ में जाने वाले लोगों के लिए आत्म संयम का होना चाहिए. साथ ही मन की पवित्रता का होना जरूरी हैं, तभी उसका पुण्य प्राप्त होगा. मन में किसी के प्रति मलीनता , द्वेष नहीं रखनी चाहिए. लोभ, चोरी, झूठ जैसी नकारात्मकता से दूर रहें. किसी को अपशब्द नहीं बोलना चाहिए.
तामसिक वस्तुओं से परहेज
महाकुंभ मेले में सात्विक भोजन की व्यवस्था होती है. ऐसे में सभी से यही उम्मीद की जाती है कि वो सात्विक भोजन करेंगा. तामसिक भोजन जैसे लहसुन, प्याज, मांस, मदिर का सेवन नहीं करना चाहिए. मेला में तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए.
कुंभ स्नान में रखें सावधानी
स्नान करने जाएं तो विशेष सावधानी रखें. मां गंगा को पवित्र माना गया है. गंगा मोक्षदायिनी हैं इसलिए गंगा में डुबकी लगाते वक्त आप साबुन, शैंपू, डिटर्जेंट जैसे रशियन का उपयोग न करें. इससे नदी की शुद्धता दूषित होती है. नदी में अपने कपड़े न धोएं तथा खुले जगहों पर शौच या पेशाब न करें.