Astrology and Bangles : भारतीय संस्कृति में चूड़ियों का काफी महत्व माना जाता है. हिन्दू धर्म में यह मान्यता है कि महिलाओं के चूड़ियां पहनने से घर में न सिर्फ खुशहाली आती है बल्कि पति की उम्र और स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर डालती हैं. क्या चूड़ियों के रंग और पहनने का समय सच में पति की लंबी उम्र और तरक्की से जुड़ा होता है? इस लेख में हम आपको बताएंगे उन महत्वपूर्ण ज्योतिषीय तथ्यों और मान्यताओं के बारे में जो चूड़ियों से जुड़ी हैं.
चूड़ियों के रंग का महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चूड़ियों के रंग का भी खास महत्व होता है. प्रत्येक राशि के लिए एक विशेष रंग की चूड़ी शुभ मानी जाती है. उदाहरण के लिए मेष राशि की महिलाओं के लिए लाल या सफेद रंग की चूड़ियां शुभ होती हैं.जबकि वृषभ राशि की महिलाओं के लिए गोल्डन या भूरे रंग की चूड़ियां शुभ मानी जाती हैं. ऐसा माना जाता है कि सही रंग की चूड़ियां पहनने से पति के स्वास्थ्य और व्यवसाय में तरक्की होती है.
चूड़ी पहनने के लिए शुभ दिन
कुछ विशेष दिनों में नई चूड़ियां पहनना शुभ माना जाता है. शुक्रवार और रविवार को नई चूड़ियां पहनने से विशेष लाभ मिलता है. जबकि मंगलवार और शनिवार को नई चूड़ियां खरीदने या पहनने से बचना चाहिए. नई दुल्हन को कम से कम 40 दिनों तक चूड़ियां पहननी चाहिए और एक साल तक उन्हें कांच की चूड़ियां पहननी चाहिए.
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चूड़ियों को माना जाता है बुध और चंद्रमा का प्रतीक
चूड़ियों को बुध और चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है इसलिए इनका संबंध वैवाहिक जीवन और सौंदर्य से होता है. कुछ मान्यताओं के अनुसार सुहागिन महिलाओं को 21 चूड़ियां पहननी चाहिए जो उनकी खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक होती हैं.