शकील अख्तर(रांची). आइएएस अधिकारी राजीव रंजन के पुत्र की अलग-अलग जन्मतिथि और जन्मस्थान से संबंधित बर्थ सर्टिफिकेट देख कर पासपोर्ट कार्यालय के अधिकारी हैरत में हैं. पासपोर्ट कार्यालय द्वारा किये गये पत्राचार में रांची नगर निगम ने दोनों ही बर्थ सर्टिफिकेट को सत्यापित किया. हालांकि, इस क्रम में नगर निगम ने एक बर्थ सर्टिफिकेट को जारी करने से छह दिन पहले की उसकी सत्यता प्रमाणित कर दी. इसके बाद पासपोर्ट कार्यालय ने नगर निगम को पत्र लिख कर उन दस्तावेजों की मांग की है, जिनके आधार पर पहले की जन्मतिथि में बदलाव किया गया.
तीनों बर्थ सर्टिफिकेट में अलग-अलग जन्मतिथि और जन्मस्थान
आइएएस राजीव रंजन के बेटे के तीन बर्थ सर्टिफिकेट हैं. रांची नगर निगम ने पहला बर्थ सर्टिफिकेट 16 सितंबर 2017 को जारी किया. इसमें जन्मतिथि 13-10-2013 व जन्मस्थान ऑफिसर्स कॉलोनी, आड्रे हाउस, गोंदा, रांची दर्ज है. निगम ने दूसरा बर्थ सर्टिफिकेट 11 जनवरी 2024 को जारी किया. इसमें जन्मतिथि 13-10-2015 व जन्मस्थान अशोक नगर, रोड नंबर-2, सी-2016, डोरंडा, रांची दर्ज है. तीसरे प्रमाण पत्र में जन्मतिथि 13-10-2017 दर्ज है, जबकि जन्मस्थान जी17 बी, सेल सिटी, न्यू पुंदाग, रांची लिखा है. तीसरा जन्म प्रमाण पत्र उस वक्त बना था, जब राजीव रंजन खुद सांख्यिकी निदेशालय में निदेशक (जन्म-मृत्यु) के पद पर कार्यरत थे.
इस तरह सामने आया मामला
आइएएस अधिकारी राजीव रंजन के बेटे की जन्मतिथि को लेकर विवाद तब शुरू हुआ, जब उन्होंने पासपोर्ट में बेटे की जन्मतिथि बदले का आवेदन दिया. राजीव रंजन ने नगर निगम द्वारा जारी पहले जन्म प्रमाण (जन्मतिथि 13-10-2013) के आधार पर पासपोर्ट बनवाया. बाद में उन्होंने पासपोर्ट में अपने पुत्र की जन्मतिथि में सुधार कर 13-10-2013 की जगह 13-10-2015 करने के लिए आवश्यक प्रक्रिया शुरू की. पासपोर्ट कार्यालय ने दोनों प्रमाण पत्रों के सिलसिले में रांची नगर निगम कार्यालय से पत्राचार शुरू किया. निगम द्वारा भेजे गये जवाब के बाद पासपोर्ट कार्यालय ने जनवरी 2024 में रांची नगर निगम को पत्र भेज कर कुछ बिंदुओं के सिलसिले में जानकारी और संबंधित दस्तावेज की मांग की.
पासपोर्ट कार्यालय ने मामले को माना गंभीर
पासपोर्ट कार्यालय ने इस मामले को अत्यधिक गंभीर बताया है, क्योंकि मामला पासपोर्ट से संबंधित है. पासपोर्ट कार्यालय के पत्र में कहा गया है कि निगम ने दोनों ही प्रमाण पत्रों को सही करार दिया है. पासपोर्ट कार्यालय ने ‘जन्म-मृत्यु निबंधन अधिनियम 1969 की धारा-15’ में किये गये प्रावधान के आलोक में नगर निगम से उन दस्तावेजों की मांग की है, जिनके आधार पर पहले जारी किये गये प्रमाण पत्र में अंकित जन्मतिथि को गलत करार दिया गया. पासपोर्ट कार्यालय ने नगर निगम से यह भी जानना चाहा है कि जो प्रमाण पत्र 11 जनवरी 2024 को जारी किया गया था, उसे पांच जनवरी 2024 को कैसे सत्यापित किया गया?
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