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Giridih News :जनसुनवाई में मिली गड़बड़ी, कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति

Giridih News :बेंगाबाद प्रखंड परिसर के सभागार में गुरपवार को मनरेगा योजनाओं के लिए प्रखंड स्तरीय जनसुनवाई हुई. इसमें कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की गयी.

बेंगाबाद प्रखंड परिसर के सभागार में गुरपवार को मनरेगा योजनाओं के लिए प्रखंड स्तरीय जनसुनवाई हुई. गुरुवार की दोपहर को शुरू हुई जनसुनवाई देर शाम तक चली. इसमें पांच पंचायतों चपुआडीह, मानजोरी, बदवारा, ताराटांड़ और मधवाडीह की योजनाओं की सुनवाई की गयी. इस दौरान पंचायत स्तरीय जनसुनवाई में लिए गये प्रस्तावों की समीक्षा की गयी. समीक्षा के दौरान पंचायतों में मिली गड़बड़ियों को यथावत पाया गया. इस पर ज्यूरी सदस्यों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा पंचायत स्तरीय जनसुनवाई के बाद भी इसे नजरअंदाज करना घोर लापरवाही है. अब भी योजनाएं यथावत है. सदस्यों ने बताया कि पंचायतों में अब भी अधिकांश योजनाओं में सूचना बोर्ड का साक्ष्य उपलब्घ नहीं कराया गया. राशि निकासी के बाद भी डिमांड प्रपत्र अधूरा है, जिसमें मुखिया, पंचायत सचिव व रोजगार सेवक के हस्ताक्षर नहीं हैं. इधर, मापी पुस्तिका को आधा-अधूरा ही छोड़ दिया गया है, जिसमें अभियंताओं का हस्ताक्षर नहीं है. इसके बाद भी राशि की निकासी की गयी है. बताया कई ऐसे भी योजना है, जिसमें मापी से अधिक राशि की निकासी की गयी है. अधिक निकासी के मामले में रोजगार सेवक व पंचायत सचिव जिम्मेदार है जिसे जुर्माना के नाम पर मामूली राशि का जुर्माना लगाकर जनसुनवाई के नाम खानापूर्ति की गयी है. बदवारा पंचायत की कार्यकारी एजेंसी से 4984 रुपये, मधवाडीह पंचायत से 3500 रुपये, चपुआडीह पंचायत से 3950 रुपये का एनआर कटवाकर साक्ष्य ज्यूरी सदस्यों को सौंपा गया. अधिकांश आम बागवानी योजना में आधे से अधिक पेड मर चुके हैं, जिसे बरसात के मौसम में लगाने का प्रस्ताव लिया गया.

मामला रफ-दफा करने में जुटी रही एजेंसी

बताया जाता है कि प्रखंड स्तरीय जनसुनवाई के बाद मामला को जिलास्तर पर भेजा जाता है. जिलास्तर पर मामला पहुंचने के बाद प्रखंड के अधिकारियों की फजीहत होती है. इससे बचने के लिए प्रखंड स्तर पर ही मामले को रफादफा करने में संबंधित पंचायत के मुखिया, पंचायत सचिव व रोजगार सेवक जोर लगाते हैं. गुरुवार को भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला. कुछ ज्यूरी सदस्यों के आगे पीछे कर अपनी पंचायत के मामलों को रफादफा करने के लिए सेटिंग-गेटिंग में लगे रहे. इसका नतीजा भी देखने को मिला, किसी भी पंचायत से ऐसा मामला नहीं मिला, जिसके लिए जिम्मेदार कर्मियों पर कड़ा एक्शन लिया जा सके और ना ही ज्यूरी सदस्य खुलकर पंचायत के मामलों को उठा सके. हालांकि, सदस्यों ने पूरी पारदर्शित बरतने की बात बतायी. ज्यूरी टीम में प्रमुख मीना देवी, लोकपाल तमन्ना परवीन, जिला समन्वयक विद्यासागर, राज्य रिसोर्स पर्सन बैजनाथ वर्मा, जिप सदस्य केदार हाजरा, बेला मुर्मू शामिल थे.

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