स्वास्थ्य विभाग ने जिलों को फर्जी नर्सों को चिह्नित करने की दी है जिम्मेदारी
संवाददाता,पटना
कोविड 19 संक्रमण के दौर का लाभ उठाते हुए राज्य के विभिन्न जिलों में फर्जी नर्सों ने नौकरी का लाभ प्राप्त कर लिया है. स्वास्थ्य विभाग फर्जी तरीके से नियुक्त होनेवाली नर्सों की तलाश में जुटा है. अभी तक ऐसी नर्सों की पहचान नहीं हुई है. जिलों को निर्देश दिया गया है कि वह फर्जी नर्सों की पहचान कर कार्रवाई करें. कोरोना महामारी से निबटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने वर्ष 2020 में बड़े पैमाने पर स्टॉफ ग्रेड -ए नर्सों की नियुक्ति की. इनको राज्य के विभिन्न जिलों और मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में तैनात किया गया. कोरोना के दौर में वर्ष 2020 के अगस्त माह में दो चरणों में 5175 नर्सों की नियुक्ति की गयी थी. इनकी नियुक्ति बिहार तकनीकी चयन सेवा आयोग की अनुशंसा के आधार पर की गयी. पहले चरण में 16 अगस्त 2020 को 4997 नर्स ग्रेड-ए की नियुक्ति की गयी, जबकि 31 अगस्त, 2020 को 178 नये नर्स ग्रेड ए की नियुक्ति की गयी थी. कोरोना की गंभीरता को देखते हुए विभाग ने नवनियुक्त होनेवाली 5175 नर्सों के प्रमाणपत्रों को सत्य मान लिया था. नवनियुक्त ग्रेड-ए नर्सों के पदस्थापन में यह कहा गया था कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्यहित में प्रथमदृष्टया सही मानकर किया जा रहा है. उस समय नवनियुक्त नर्सों का पुलिस सत्यापन की प्रत्याशा को भी अनुकूल मानकर नियुक्ति की गयी. नियुक्ति पत्र में स्पष्ट किया गया कि अगर सत्यापन के क्रम में पुलिस रिपोर्ट वैध नहीं पायी जाती है, तो उनकी सेवा बिना किसी पूर्व सूचना के समाप्त कर दी जायेगी. साथ ही नवनियुक्त ग्रेड-ए नर्सों के शैक्षणिक सहित अन्य संगत प्रमाणपत्रों जिसमें जाति व आवासीय सहित अन्य को सही मानकर नियुक्ति की गयी थी. इसमें शर्त यह लगाया गया था कि भविष्य में शैक्षणिक प्रमाणपत्र या अभिलेख के संबंध में गलत सूचना पायी गयी तो उनकी सेवा कभी भी बिना शर्त बिना किसी सूचना के समाप्त कर दी जायेगी.
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