हाइकोर्ट ने खारिज की नबान्न अभियान रोकने की याचिका
संवाददाता, कोलकाताकलकत्ता हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने गुरुवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि महानगर के लोग जुलूस और सभाओं के आदी हो गये हैं. इसलिए नबान्न अभियान को रोकने का कोई औचित्य नहीं है. यह कहते हुए मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने नबान्न अभियान के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया. याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि अभियान के कारण कानून व्यवस्था प्रभावित हो सकती है और गंगासागर से लौटने वाले तीर्थयात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. उक्त याचिका को खारिज करते हुए मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने कहा कि पश्चिम बंगाल एक बहुत ही सहिष्णु समाज है. वे विरोध प्रदर्शनों, रैलियों, प्रदर्शनों के बीच भी प्रसन्नता से जीते हैं. यहां तो सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा भी कई रैलियां आयोजित की जाती हैं. इसलिए रैली के दौरान सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है और राज्य को यह सुनिश्चित करना होगा, जिससे शांतिपूर्वक रैलियां आयोजित की जा सकें.शहीद मीनार में सभा की अनुमति के लिए किया आवेदन :
वहीं, इंडियन सेकुलर फ्रंट (आइएसएफ) शहीद मीनार में सभा करने की अनुमति देने की मांग को लेकर हाइकोर्ट में याचिका दायर की है. आइएसएफ ने याचिका में कहा है कि उनकी सभा को रक्षा मंत्रालय द्वारा मंजूरी दे दी गयी है, लेकिन राज्य सरकार अनुमति नहीं दे रही. इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को होने की संभावना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है