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Ram Mandir Controversy : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी पर रिएक्शन दिया है. भागवत ने कहा था कि सदियों तक परचक्र झेलने वाले भारत को ‘सच्ची स्वतंत्रता’ अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के दिन ही मिली थी. उनके बयान की निंदा करते हुए सीएम बनर्जी ने टिप्पणी को इतिहास को विकृत करने की कोशिश करार दिया.
क्या कहा था मोहन भागवत ने
मोहन भागवत ने सोमवार को कहा था कि अयोध्या में भगवान राम के मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की तिथि प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में मनायी जानी चाहिए, क्योंकि सदियों से परचक्र (दुश्मन का आक्रमण) झेलने वाले भारत की ‘सच्ची स्वतंत्रता’ इस दिन प्रतिष्ठित हुई थी. ममता बनर्जी ने गुरुवार को राज्य सचिवालय में मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि यह राष्ट्र-विरोधी टिप्पणी है, जिसकी वह कड़ी निंदा करती हैं. यह एक खतरनाक टिप्पणी है, इसे वापस लिया जाना चाहिए. यह इतिहास को विकृत करने का प्रयास है. उन्होंने कहा कि हम अपनी स्वतंत्रता को अक्षुण्ण रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम भारत के लिए अपने प्राण न्योछावर करने के लिए तैयार हैं, लेकिन हम इसे बर्दाश्त करने के लिए तैयार नहीं हैं.
स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को भूलना नहीं चाहिए : ममता बनर्जी
ममता बनर्जी ने कहा कि हमें आजादी के लिए बलिदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों व उनके इतिहास को कभी भूलना नहीं चाहिए. भागवत ने जो कहा वह बहुत गलत है और इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए. हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देना चाहिए, जिन्होंने अपनी जान की कुर्बानी दी. अगर हम उनका योगदान और हमारे संघर्ष को भूल जायेंगे, तो हमें अपनी पहचान खो देनी होगी.
सीएम ने आगे कहा कि मुझे यह सुनकर बहुत दुख हुआ कि ऐसा कुछ कहा गया है. यह बहुत ही खतरनाक और गलत बात है. देश की आजादी के लिए जिन्होंने अपनी जान दी, उन्हें हमेशा सलाम करना चाहिए. हम कभी भी अपने स्वतंत्रता सेनानियों को भूलने नहीं देंगे, क्योंकि यही हमारी पहचान है. भारत, हिंदुस्तान, और हमारा स्वतंत्रता दिवस हम सभी के लिए गर्व का विषय है. हम इसे हमेशा मनायेंगे और इस पर हमेशा गर्व करेंगे.