Kal Ka Mausam : पटना. बिहार में अगर मौसम की बात करें तो पहले इस ठंड में पारे का जिक्र जरूरी है. राजधानी पटना समेत कई जिलों में मकर संक्रांति को अचानक से खत्म होती ठंड वापस लौट आई. उसके बाद से ही अधिकतम तापमान 20-22 डिग्री से ऊपर जाने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं सूरज की तपिश की कमी ने लोगों की दिक्कत और बढ़ा दी है. शनिवार को दिनभर ठंडी हवा का झोंका लोगों को सिहरने पर मजबूर करेगा. शुक्रवार को भी सुबह से पछुआ हवा चल रही है, जिसके कारण लोगों को अधिक ठंड महसूस हो रही है.
दो से तीन डिग्री तक गिरेगा पारा
पटना स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के अनुसार, 18 और 22 जनवरी के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ आता रहेगा, इससे ठंड का प्रकोप बरकरार रहेगा और जनवरी अंत तक कनकनी रहेगी. बिहार के कई जिलों में सुबह के समय घना कोहरा छाया रहता है, जिससे विजिबिलिटी कम हो जाती है और राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. मौसम विभाग के अनुसार, 18 जनवरी के बाद राज्य का न्यूनतम तापमान 2 से 3 डिग्री सेल्सियस गिरेगा, जिससे ठंड और बढ़ेगी. बिहार में बढ़ती ठंड की स्थिति ने जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है.
अभी आ रहा है एक और विक्षोभ
पटना समेत बिहार के ज्यादातर इलाकों में सुबह के वक्त हल्के से मध्यम स्तर कोहरा रहने का पूर्वानुमान जारी किया गया है. ऐसी ठंड के पीछे की वजह पश्चिमी विक्षोभ है. आईएमडी पटना के मुताबिक 18 जनवरी से न्यूनतम तापमान 2 से 3 डिग्री और नीचे जा सकता है.बदरअसल 18 जनवरी से ही एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है. यूं समझिए कि बिहार को अगले कुछ और दिन अभी ऐसी ठंड से राहत नहीं मिलेगी. मौसम विभाग के अनुसार 22 जनवरी से एक और पश्चिमी विक्षोभ वातावारण में सक्रिय हो जाएगा. यानी मौसम में ठंड बरकरार रहेगी. माना जा रहा है कि इसके चार दिन बाद यानी 26 जनवरी से बिहार के लोगों को कड़कड़ाती ठंड से राहत मिल सकती है.
अलाव की समुचित व्यवस्था नहीं
पटना में आज न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस होने की संभावना मौसम विभाग की ओर से जताया गया है. ठंड और कनकनी के कारण अररिया जिले के फारबिसगंज में तापमान काफी गिर चुका है. बढ़ती ठंड की वजह से लोग दिन के समय भी अपने घरों में दुबके हुए रहते हैं. भीषण शीतलहर और कनकनी से बचाव के लिए उत्तर बिहार के अधिकतर जिलों में अलाव की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई है. सार्वजनिक जगहों पर भी अलाव की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण इन जगहों पर आने वाले लोगों को ठंड से बचने के लिए खुद से कागज जलाकर अलाव का इंतेजाम करना पड़ रहा है.
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