रांची (विशेष संवाददाता). केंद्रीय विश्वविद्यालय, झारखंड (सीयूजे) के प्रभारी कुलपति प्रो केबी पांडा ने कहा कि आज पर्यटन रोजगार और संस्कृति दोनों को बढ़ावा दे रहे हैं. पर्यटन को बढ़ावा देने में सोशल मीडिया की भी भूमिका अहम हो गयी है. सरकार का लक्ष्य 2047 तक विदेशी पर्यटकों के आगमन को 100-150 मिलियन तक बढ़ाना है. प्रो पांडा शुक्रवार को विवि अंतर्गत मास कॉम विभाग एवं पर्यटन निदेशालय, झारखंड के संयुक्त तत्वावधान में सोशल मीडिया पर सामग्री निर्माण विषय पर आयोजित 10 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उदघाटन कर रहे थे. पर्यटन विभाग से आये अशोक कुमार ने कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य स्थानीय पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देना है. साथ ही इन स्थानों का दस्तावेजीकरण करने के लिए ब्लॉगर्स को प्रशिक्षित करना है. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार का पर्यटन मंत्रालय देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नियमित रूप से ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है. उन्होंने कहा कि झारखंड के स्थानीय पर्यटन स्थलों और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना है. मास कॉम विभाग के प्रमुख प्रो देवव्रत सिंह ने झारखंड के सामाजिक-आर्थिक विकास में सोशल मीडिया की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि झारखंड न केवल अपने प्राकृतिक संसाधनों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए भी प्रसिद्ध है. उन्होंने झारखंड की स्थानीय संस्कृति, पहचान और परंपराओं के व्यवसायीकरण में सोशल मीडिया प्रभावितों के महत्व पर भी जोर दिया. कार्यशाला के संयोजक सुदर्शन यादव ने कार्यशाला की अवधारणा और एजेंडा पर चर्चा की. मंच संचालन मास कॉम विभाग की रश्मि वर्मा ने किया. इस कार्यशाला में देश के सात राज्यों और झारखंड के 14 जिलों से कुल 50 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं.
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