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हड़ताल का असर : न्यायिक कार्य पूर्णत: रहा ठप, नहीं हुई मुकदमों में पैरवी

चार सूत्री मांगों के समर्थन में व्यवहार न्यायालय परिसर में तृतीय वर्ग व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी अनिश्चितकालीन कलम बंद हड़ताल पर दूसरे दिन भी डटे रहे.

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर दूसरे दिन भी डटे रहे कोर्ट के कर्मचारी, प्रतिनिधि, मुंगेर. चार सूत्री मांगों के समर्थन में व्यवहार न्यायालय परिसर में तृतीय वर्ग व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी अनिश्चितकालीन कलम बंद हड़ताल पर दूसरे दिन भी डटे रहे. इस कारण शुक्रवार को न्यायालय में काम-काज लगभग ठप रहा. मुवक्किलों की पैरवी जहां प्रभावित हो रही, वहीं कांडों की सुनवाई भी नहीं हो पायी. दुसरी ओर हड़ताली कर्मचारी न्यायालय परिसर में धरने पर डटे रहे.

अधिकांश न्यायालय में लटका रहा ताला

जिला जज के न्यायालय को छोड़कर बाकी सभी न्यायालय में काम काज पूरी तरह से ठप रहा. हाल यह है कि हड़ताल के कारण दूसरे दिन शुक्रवार को 23 न्यायालय का ताला तक नही खुला. हड़ताल के दूसरे दिन भी 2 हजार से अधिक मुवक्किल का पैरवी नहीं हुआ. अभियुक्तों का अग्रिम जमानत व जमानत आवेदन पर भी सुनवाई नहीं हुई, न ही विभिन्न मुकदमों में गवाहों की गवाही हुई. इस प्रकार न्यायिक कार्य पूर्णत: ठप रहा.

कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश से वार्ता विफल

बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ मुंगेर शाखा के अध्यक्ष विपिन कुमार ने बताया कि 16 जनवरी 2025 को चार सूत्री मांगों के संबंध में राज्य संघ के प्रतिनिधि मंडल कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार से मिले. उन्होंने मौखिक आश्वासन दिया कि आप लोगों के मांग पर विचार किया जायेगा, तत्काल हड़ताल खत्म करें, जिसे हमारी संघ ने स्वीकार नहीं किया. जिला सचिव सौरभ कुमार ने बताया कि बीते दिन राज्य कार्यकारिणी समिति का गुगल मिट में सभी जिला प्रतिनिधि से वार्तालाप हुआ. इसमें आम सहमति बनी कि जब तक मांगों की पूर्ति नहीं होगी तब तक हमलोग हड़ताल में रहेंगे.

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